सावधान! बच्चों के दूध की मार्केटिंग पड़ सकती है भारी, जरूरी पोषण की कमी के साथ कई नुकसान
market harm to child
Scam In Marketing Of Children's Milk: बच्चों को प्रोटीन देने का सबसे अच्छा सोर्स दूध माना जाता है। दूध में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी होता है, जो बच्चों की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और फास्फोरस दांतों में enamel के लिए आवश्यक हैं। दांतों पर enamel की कोटिंग उन्हें घिसने और भोजन में पाए जाने वाले एसिड से बचाता है। यह कह सकते हैं, दूध बच्चे के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह कैल्शियम और विटामिन डी देता है, जो मजबूत हड्डियों बनाने में मदद करता है। शिशुओं और बढ़ते बच्चों के मस्तिष्क के सामान्य विकास के लिए पोषण तत्व और आहार जरूरी है। इसमें दूध अपनी एक अहम भूमिका निभाता है। 2 साल से कम उम्र के अधिकांश बच्चों को पूरा दूध पीना चाहिए। शिशुओं के लिए मां का दूध सबसे अच्छा होता है लेकिन कुछ समस्याओं के कारण जब मां बच्चे को खुद का दूध नहीं पिला पाती है तो वह मार्केट के दूध का इस्तेमाल करती हैं लेकिन यह दूध शिशुओं और बढ़ते बच्चों के लिए कितना नुकसानदायक होता है। इस बात का पता लगाने के लिए हम एक रिसर्च की सहायता लेंगे और मार्केट में मिलने वाले दूध के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पब्लिक हेल्थ की एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया है कि बच्चों का मार्केट के दूध का फार्मूला उन माताओं के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो बच्चे को स्तनपान नहीं करा सकती हैं। 1930 से 1970 के बीच अमेरिका में मां के दूध पर निर्भर बच्चों की संख्या 77% से गिरकर 25% हो गई थी।
[caption id="attachment_400718" align="aligncenter" ] Scam in marketing of children's milk[/caption]
डब्लूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार
1981 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कुछ गाइडलाइंस बनाई। इसके तहत देशों से कहा गया कि वे इनफैंट फॉर्मूला की कंज्यूमर तक सीधी मार्केटिंग बंद करें। उसके न्यूट्रिशन और नुकसान की जानकारी दी जाए। कई देशों ने डब्लूएचओ की सिफारिशों के आधार पर कानून बनाए। लेकिन अमेरिका में मार्केटिंग पर अतिरिक्त पाबंदियां नहीं लगाई गईं। हालांकि फूड, ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने 1980 में फॉर्मूला प्रोडक्ट्स की कड़ी निगरानी शुरू कर दी थी। दुनियाभर में मार्केटिंग पर नियंत्रण लागू होने के कारण निर्माताओं ने नियमों से बचने के लिए प्रोडक्ट को अलग बताना शुरू कर दिया।
दूध बनाने वाली कंपनियों की रणनीति
निर्माता कंपनियों की रणनीति कारगर रही। 2006 से 2015 के बीच बच्चों के फॉर्मूला (पोषण आहार) की बिक्री 7% कम हो गई और बच्चों के दूध की बिक्री 158% बढ़ गई। जिसके बाद से इसमें बढ़ोतरी जारी है।
[caption id="attachment_400720" align="aligncenter" ] Scam in marketing of children's milk[/caption]
मार्केट के दूध में कोई आहार नहीं
एक रिपोर्ट के अनुसार छोटे बच्चे के आहार में मार्केट के दूध की कोई भूमिका नहीं है। बच्चों के लिए मार्केट के दूध में जरूरी पोषण नहीं है। पाउडर का दूध, हाई कैलोरी के स्वीटनर और वेजिटेबल ऑइल उसके प्रमुख तत्व हैं। इस साल एक स्टडी में पाया गया कि बच्चों के 60% दूध में जरूरत से ज्यादा शुगर है। उसमें नमक की मात्रा अधिक है और गाय के दूध के मुकाबले प्रोटीन भी कम है। नियंत्रण की कमजोरी के कारण ये प्रोडक्ट झूठी मार्केटिंग करते हैं। स्टडी में शामिल एक प्रोडक्ट में कंपनी ने आयरन होने का दावा किया था। लेकिन उसमें इनफैंट फॉर्मूला के लिए एफडीए की तय सीमा से कम आयरन पाया गया है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.