Lung Disease: अमिताभ बच्चन की 'डॉन' फिल्म तो आपने देखी ही होगी। इस शानदार फिल्म का निर्देशन करने वाले डायरेक्टर चंद्र बरोट का 86 की उम्र में निधन हुआ है। चंद्र बरोट का फिल्मी करियर अच्छा रहा है। उन्होंने डॉन के अलावा, आश्रिता और प्यार भरा दिल जैसी फिल्में भी बनाई थी। चंद्र बरोट की मौत की वजह उनकी बीमारी थी। दरअसल, उन्हें पिछले 7 सालों से पल्मोनेरी फाइब्रोसिस था। यह लंग्स से संबंधित बीमारी होती है, जिसके शुरुआती लक्षणों में सुखी खांसी, सांस फूलना आदि शामिल होते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में डॉक्टर से।
क्या है यह बीमारी?
जयपुर के नारायणा अस्पताल में पल्मोनरी विभाग के लंग एक्सपर्ट डॉक्टर शुभम शर्मा बताते हैं कि लंग फाइब्रोसिस या पल्मोनेरी फाइब्रोसिस में मरीज के फेफड़ों में छेद जैसे हो जाते हैं और सख्त हो जाते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि इसमें लंग्स बिल्कुल मधुमक्खी के छत्ते जैसे कड़क हो जाते हैं।
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कारण क्या है?
एक्सपर्ट के मुताबिक, इस बीमारी के कारणों में सबसे प्रमुख कबूतर हैं। जो लोग कबूतर की बीट साफ करते हैं या उन्हें दाना डालते हैं, उन्हें यह बीमारी होती रहती है। इसके अलावा, यह बीमारी जेनेटिकल भी है, स्मोकिंग और IPF भी इस बीमारी का कारण है। हालांकि, चंद्र बरोट की मौत की एक वजह हार्ट अटैक भी बताई जा रही है। मगर उनकी पत्नी ने बीमारी की ठोस वजह पल्मोनरी फाइब्रोसिस बताई है।
IPF क्या है?
इसे Idiopathic Pulmonary Fibrosis कहते हैं। इसका मतलब होता है लंग्स में घाव हो जाना है। पल्मोनेरी डिजीज का सबसे आम कारण यही है।
क्या है संकेत?
सांस लेने में तकलीफ होना।
सूंखी खांसी होना।
उखड़ी-उखड़ी सांसे आना।
थकान।
वजन कम होना और भूख न लगना।
होठों के आसपास, आंखों या नाखूनों के आसपास नीली धारियां दिखना या स्किन का सफेद होना भी इसके संकेत हैं।
डॉक्टर के मुताबिक, बार-बार दवा खाने के बाद भी खांसी सही न हो, तो यह लक्षण है कि आपको यह बीमारी है।
क्या है इलाज?
डॉक्टर के मुताबिक, इस बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है। अभी इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए एंटीफाइब्रोटिक मेडिसिन्स दी जाती है। इलाज से पहले जरूरी टेस्टिंग और एक्स-रे होते हैं। इसके अलावा, ऑक्सीजन थेरेपी की मदद से भी इस बीमारी को नियंत्रित किया जाता है। अगर बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो लंग ट्रांसप्लांट की मदद से बचाव किया जा सकता है।
बीमारी से बचाव के उपाय
धूम्रपान करने से बचें।
केमिकल या खराब वातावरण में मास्क जरूर पहनें।
इम्यूनिटी रिलेटेड बीमारियां है, तो साफ-सफाई का ध्यान रखें।
वैक्सीन लगवा सकते हैं। इनमें कोरोना और बूस्टर डोज, निमोनिया की वैक्सीन और सालाला लगने वाली इन्फ्लूएंजा वैक्सीन शामिल हैं।