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Nestle Adds Sugar: बच्चों को Cerelac खिलाने वाले हो जाएं सावधान! नेस्ले कर रहा है चीनी की मिलावट

Nestle Adds Sugar: नेस्ले के नाम से हर कोई परिचित है. वहीं ये मैगी के कारण भी काफी विवादों में रहता है। लेकिन इस बार नेस्ले मैगी नहीं बल्कि बच्चों के प्रोडक्ट के कारण चर्चा में आया है, यानी माता-पिता को तुरंत सावधान होने की जरूरत है।

Nestle Adds Sugar
Nestle Adds Sugar: एक बार फिर नेस्ले अपने प्रोडक्ट्स को लेकर विवादों में है। इस बार मामला बच्चों के फूड से जुड़ा है। यदि आप भी अपने बच्चों को नेस्ले कंपनी का फूड खिलाते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार नेस्ले (Nestle) कंपनी कुछ देशों में बेचे जाने वाले बेबी मिल्क में चीनी मिला रही है, जिसमें भारत भी शामिल है। रिपोर्ट में पाया गया कि नेस्ले अन्य एशियाआई देशों के साथ-साथ अफ्रीका जैसे कई देशों में, जो बच्चों के प्रोडक्ट बेच रही है उसमें चीनी का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, अगर यूरोप और ब्रिटेन देश की बात की जाए तो वहां चीनी का उपयोग नहीं किया जा रहा है यानी कंपनी को कुछ ही देशों में चीनी की मिलावट करते पकड़ा गया है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है पूरी रिपोर्ट?

ये खुलासा स्विस जांच संगठन पब्लिक आई (Public Eye) और इंटरनेशनल बेबी फूड्स एक्शन नेटवर्क IBFAN (International Baby Foods Action Network) द्वारा किया गया। नेस्ले के जो बेबी प्रोडक्ट्स अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में बेचे जा रहे हैं उनका सैंपल पब्लिक आई और आईबीएफएएन ने बेल्जियम की प्रयोगशाला में टेस्टिंग के लिए भेजा। बता दें कि माता-पिता एक साल या उससे कम उम्र के बच्चों को सेरेलैक (Cerelac) या अन्य बेबी फूड देते हैं। ऐसे में जब इन फूड्स की जांच हुई तो पता चला कि सभी फूड्स में शहद और चीनी मौजूद है। इंडिया में 2022 के आंकड़ों के अनुसार, 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा हुई। वहीं हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, बेबी प्रोडक्ट (Baby Products) में प्रति सर्विंग लगभग 3 ग्राम एक्स्ट्रा चीनी पाई गई। नेस्ले कंपनी का खुद भी यही मानना है कि बच्चों के खाने में चीनी का उपयोग करने से बचना चाहिए। वहीं नेस्ले कंपनी बच्चों को शुगर ड्रिंक से दूर रहने की सलाह देती है। न्यूट्रिशियन और एक्सपर्ट भी यही सलाह देते हैं कि जन्म के बाद 6 महीने या एक साल तक बच्चों को आर्टिफिशियल शुगर से दूर रखना चाहिए। ये भी पढ़ें- यूरिक एसिड पूरे शरीर में क्यों फैलता है, जानिए 6 कारण

WHO की चेतावनी

रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इस बात के लिए सावधान किया था कि यदि नवजात शिशु या बच्चे चीनी के संपर्क में आते हैं तो इससे उन्हें न केवल मोटापे की समस्या हो सकती है बल्कि अन्य पुरानी बीमारियां भी अपने पैर पसार सकती हैं। WHO ने साल 2022 में बच्चों के फूड प्रोडक्ट में मिठास जोड़ने पर रोक लगाई थी। ये भी पढ़ें- गर्मियों में सेहत के लिए ‘रामबाण’ है सत्तू, जानें इसके फायदे-नुकसान
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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