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Chronic Liver Disease क्या है? 5 लक्षणों से करें पहचान और अपनाएं बचाव के उपाय

Chronic Liver Disease Symptoms: लिवर हमारे शरीर का बेहद जरूरी अंग है। यह हमारे सारे काम करता है। हालांकि, बदलती जीवन शैली के चलते लिवर की बीमारियां होने लगती हैं। ऐसे में लिवर से जुड़ी क्रोनिक लिवर डिजीज के बारे में आपको जानना चाहिए।

Image Credit: Freepik
Chronic Liver Disease Symptoms: लिवर से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही है। लिवर सेहतमंद रहता है तो शरीर के कई सारे काम करता है। यह हमारे शरीर में खाना पचाने से लेकर इंफेक्शन से लड़ने, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने, विषैले पदार्थों को बाहर करने, फैट को कम करने और प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन दिनों हमारा खान-पान, बाहर की चीजें खाना और भी कई फैक्टर के कारण कुछ लोग लिवर की बीमारी का सामना कर रहे हैं। लिवर की बीमारी को एक्यूट के बेस पर बांटा जा सकता है। एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस के अधिकतर मामलों को आप खुद ही कंट्रोल कर सकते हैं। क्रोनिक लिवर डिजीज के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए Dr.JP.Agarwal (Agarwal Medicare Centre in Bazaria, Ghaziabad) ने कई अहम जानकारियां दीं। Chronic Liver Disease के कारण एक्यूट लिवर की बीमारियां कुछ मामलों में गंभीर होती हैं, लेकिन क्रोनिक लिवर डिजीज एक तरह से हेल्थ केयर सिस्टम पर काफी असर कर रहा है। लिवर डिजीज के अधिकतर मामलों की चार बड़ी वजह होती हैं। हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से होने वाला क्रोनिक संक्रमण, क्रोनिक अल्कोहल एब्यूज, डायबिटीज और मोटापा शामिल हैं। Liver की बीमारी के लक्षण जानें Dr Vikas Singla की इस Video की मदद से- हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण ब्लड ट्रांसफ्यूजन की वजह से होता है। इसके अलावा, शराब का ज्यादा सेवन, डायबिटीज और मोटापा होने से भी नुकसान होता है। हालांकि, दूसरी तरफ शराब के बढ़ते सेवन, खराब जीवनशैली और खराब खानपान की आदतों के चलते लिवर की बीमारी के मामलों में काफी तेजी आई है।

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Chronic Liver Disease के लक्षण क्रोनिक लिवर डिजीज का निदान कैसे करें क्रोनिक लिवर डिजीज काफी लंबे टाइम तक असिम्प्टोमटिक रहती है। हालांकि, खून की जांच, पेट का अल्ट्रासाउंड और अल्ट्रासाउंड इलास्टोग्राफी (Ultrasound Elastography) की मदद से आसानी से डायग्नोज कर सकते हैं।

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क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज अल्कोहोलिक लिवर के मरीजों को पूरी तरह से शराब का सेवन बंद करना चाहिए। इसमें शुरुआती ट्रीटमेंट मेडिसिन से होता है, जिसकी हेल्प से शरीर की सूजन, फ्लूड का जमा होना, मेंटल कंडीशन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट ब्लीडिंग को कंट्रोल कर सकते हैं। जिन्हें खून की उल्टियां होती हैं, उनके लिए एंडोस्कोपिक ट्रीटमेंट ही बेहतर माना जाता है। हालांकि, आखिर में लिवर ट्रांसप्लांट सबसे कारगर उपाय माना जाता है। Liver Cirrhosis क्या होता है? जानें Dr. Bipin Vibhute (Sahyadri Hospitals, Pune) Singla की इस Video की मदद से- क्रोनिक लिवर डिजीज से बचाव कैसे करें हालांकि, लिवर फेलियर का इलाज मुश्किल है, लेकिन इसकी रोकथाम करना आसान है। इसके लिए लाइफस्टाइल में कुछ चेंज करके इससे बचाव किया जा सकता है।
  • शराब के ज्यादा सेवन से बचें
  • एक्सरसाइज रेगुलर करें
  • फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचना चाहिए
  • शरीर का वजन लगातार चेक करते रहें
  • हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीनेशन लें
  • सेफ ट्रांसफ्यूजन प्रैक्टिस अपनाएं
Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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