CPR Process in Steps: आजकल दिल से जुड़ी बीमारियां लोगों में काफी ज्यादा देखने को मिल रही है। यह लोगों को छोटी उम्र में निशाना बनाकर काफी गंभीर समस्या बन गई है। एक्सपर्ट्स हार्ट अटैक से बचने के लिए सतर्कता बरतने को कहते हैं क्योंकि ऐसा नहीं होता कि हार्ट अटैक आते ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। अटैक आते ही अगर व्यक्ति का प्राथमिक इलाज किया जाए तो वह बच सकता है। प्राथमिक उपचार के तौर पर पेशेंट को तुरंत सीपीआर देना चाहिए। यहां जानिए कि सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) कैसे दिया जाता है।
कैसे दिया जाता है सीपीआर?
कार्डिओलॉजिस्ट्स का कहना है कि अगर सीपीआर सही तरीके से दिया जाए तो पेशेंट की जान बच सकती है। इस तकनीक में दिल का तौर पड़ने वाले की छाती पर 100-120/ मिनट की दर से दबाया जाता है। इस दौरान सीपीआर देने वाले को पेशेंट की छाती पर अपने दोनों हाथ इस तरह जोड़ने हैं कि हथेली के नीचे का हिस्सा छाती पर लगे। इस पोजीशन में छाती को 5 सेंटीमीटर तक कंप्रेस करें। सीपीआर के बाद तुरंत एक्सपर्ट या कार्डिओलॉजिस्ट्स को कॉल करें।
सबसे पहले तो अगर सीपीआर देना न भी आता हो तो कम से कम हाथ से चेस्ट को लगातार दबाएं। एक मिनट में 100 से 120 बार पेशेंट की छाती कंप्रेस करनी चाहिए। तीस बार तो चेस्ट कंप्रेशन दें फिर बाद में, दो बार रेस्क्यू ब्रीद और फिर सीपीआर दें।
स्टेप्स से समझें
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सलाह से जिनको सीपीआर देना नहीं आता उन्हें ये तीन स्टेप्स याद रखने होंगे। जिसका नाम है C-A-B।
C मतलब कम्प्रेशन: जब किसी को हार्ट अटैक आ रहा हो तो उसकी छाती पर जोर-जोर से कंप्रेशन दें जैसे पहले बताया था हर मिनट में 100 से 120 कंप्रेशन तो देने ही चाहिए।
A मतलब एयर वे: पेशेंट का सिर माथे से नीचे की तरफ दबाते हुए चीन से उठा दें जिससे मुंह खुल जाएगा।
B मतलब ब्रीथिंग: सबसे पहले पेशेंट की नाक बंद कर लें और मुंह से उसे सांस दें। अगर ऐसा करने पर पेशेंट की छाती नहीं उठती तो ऐसा फिर से करें।
क्या होता है सीपीआर?
यह हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत किया जाता है और इसमें किसी भी डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। इसे लगातार करने से पेशेंट की बॉडी में ऑक्सीजन और ब्लड फिर से चलने लगता है।
अटैक आने पर सीपीआर देना काफी कामयाब माना गया है। ऐसे कई केस हैं जिनमें पेशेंट को यह देने से उसकी जान बच गई है।