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Eye bleeding virus: फ्रांस में फैला ‘खूनी वायरस’, आंखों से आता है ब्लड, 10 में से 4 मरीजों की होती है मौत

Eye bleeding virus found in FRANCE: CCHF वायरस मुख्य रूप से हायलोमा मार्जिनेटम नाम के टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो लगभग 5 मिमी लंबा होता है।

Eye bleeding virus found in FRANCE: आंखों से खून बहाने वाला वायरस इन दिनों फ्रांस में कहर बरपा रहा है। ये वायरस पहली बार फ्रांस में ही पाया गया है। इस वायरस को 'किलर' कहा जा रहा है। इसकी वजह ये है कि इस वायरस के संक्रमित 10 में से 4 मरीजों की मौत हो जाती है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी अधिकारियों ने स्पेनिश सीमा पर किए गए परीक्षणों में इस वायरस का पता लगाया। इस वायरस को हाल ही में उत्तर-पूर्व स्पेन की सीमा से सटे पाइरेनीस ओरिएंटेल्स के टिक्स में पाया गया था। इस वायरस को क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) नाम दिया गया है। ये टिक-जनित वायरस ((Tick-Borne Virus)) है, जो गर्म जलवायु वाले स्थानों में पाया जाता है।

क्या होता है टिक?

टिक एक तरह का कीड़ा होता है, जो आकार में काफी छोटा होता है। ये जानवरों के शरीर पर पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इस वायरस का हाल ही में स्पेन में पता चला था, जहां 2016 से अगस्त 2022 के बीच कुल सात मामले सामने आए थे, उनमें से तीन की मौत हो गई। इस खतरनाक वायरस का संबंध इबोला से है और इसके लक्षण एक-दूसरे से मिलते हैं। इबोला वायरस के मामले अफ्रीका, मध्य पूर्व, एशिया और बाल्कन में पाए गए थे, जबकि कुछ-कुछ मामले स्पेन जैसे पश्चिमी यूरोप के दक्षिणी हिस्सों में भी मिले थे। उधर, क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) वायरस को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये वायरस उत्तरी यूरोप में फैल सकता है, जिससे ब्रिटेन को भी खतरा हो सकता है। WHO हर साल बीमारियों के खतरे की आशंका को लेकर प्राथमिकता के आधार पर एक लिस्ट बनाती है, जिसमें क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) भी एक है। विशेषज्ञों की मानें तो क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF)  मुख्य रूप से टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है।

क्या होते हैं क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) के लक्षण

शुरुआत में इस बीमारी के लक्षण इबोला जैसे ही होते हैं, जिनमें मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, गले में खराश और उल्टी शामिल है। इससे संक्रमित मरीज के आंतरिक भागों जैसे नाक और आंख से रक्तस्राव भी होने लगता है। इसके अन्य लक्षणों में बुखार, चक्कर आना, गर्दन में दर्द और अकड़न, पीठ दर्द, सिरदर्द, आंखों में दर्द आदि शामिल है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी के इलाज के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इम्यूनिटी बूस्ट कर और सावधानी बरतकर ही इस वायरस से बचा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, फ्रांस की यात्रा करने वाले लोगों को ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगाह किया है और उन्हें टिक से बचने की सलाह दी है। खासकर उस स्थान पर जहां क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) वायरस का पता चला था। कहा जा रहा है कि फ्रांस में पहले भी लोगों में क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) के मामले पाए गए हैं, लेकिन ये सभी मामले बाहर देशों से आए लोगों में पाए गए थे। CCHF मुख्य रूप से हायलोमा मार्जिनेटम नाम के टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो लगभग 5 मिमी लंबा होता है।


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