प्रोटीन डायबिटीज पर कैसे असर करता है?
- जब आप प्रोटीन के साथ कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, तो आपके शरीर को कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदलने में ज्यादा समय लग सकता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह वाले मरीजों में भोजन के बाद ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है।
- 1 ग्राम प्रोटीन 4 कैलोरी प्रदान करता है, कार्ब्स के समान, यह कैलोरी की मात्रा कम करता है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
- कम प्रोटीन वाली डाइट से मसल्स की हानि होती है, जिससे बुजुर्ग डायबिटीज रोगियों में गिरने और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
- कम मसल्स मास इंसुलिन रेजिस्टेंस में योगदान करती हैं।
- मांसपेशियों का कम होना फैटी लिवर रोग के विकास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे लिवर सिरोसिस और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है।
डायबिटीज वालों के लिए प्रोटीन कितना सेफ है?
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डेली बेसिस पर प्रोटीन के माध्यम से 15-20 % कैलोरी प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। एक्टिव एक्सरसाइज करने वालों और खिलाड़ियों के लिए ज्यादा सेवन के लिए कहा जाता है और इसे हासिल करने में अंडे काफी हेल्प करते हैं। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों के लिए, अंडे एक कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन है, जिसमें प्रति दो बड़े अंडे में केवल एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। डायबिटीज और अंडा (DIABEGG) स्टडी से पता चलता है कि प्रति सप्ताह 12 अंडे तक खाने से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, फास्टिंग ग्लूकोज या इंसुलिन के लेवल पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता है। इसलिए, अंडे डायबिटीज वाले लोगों की डाइट में एड हो सकते हैं, प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्वों का एक प्रॉपर सोर्स प्रदान करते हैं और ब्लड शुगर या दिल की सेहत पर नेगेटिव इफेक्ट डाले बिना सुधार करते हैं, लेकिन हर खाने की चीज को एक लिमिट में रखना चाहिए।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।