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डेंगू मादा मच्छर के काटने से ही क्यों फैलता है? 5 दिन बाद चलता है बीमारी का पता

Dengue: डेंगू एक गंभीर इंफेक्शन है, इसका वायरस मादा एडीज एजिप्टी मच्छर से मनुष्यों में पहुंचता है। इसमें तेज बुखार के साथ-साथ प्लेटलेट्स तेजी से गिरती है।

Dengue: इन दिनों डेंगू तेजी से फैल रहा है। डेंगू एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन के वक्त काटते हैं। ये मच्छर गंदगी में नहीं बल्कि साफ-सफाई वाली जगह पर पनपते हैं। डेंगू बीमारी केवल मादा मच्छर के काटने से होती है, लेकिन आपने कभी जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है। तो चलिए इस पर नजर डालते हुए इसके पीछे की वजह को जान लेते हैं।

डेंगू एक गंभीर संक्रमण है, इसका वायरस मादा एडीज एजिप्टी मच्छर से मनुष्य में पहुंचता है। इसमें काफी तेज बुखार के साथ-साथ शरीर की प्लेटलेट्स भी तेजी से गिरती है। जोड़ों में दर्द भी इसका एक लक्षण है। टाइम पर उपचार न होने पर यह संक्रमण जानलेवा भी साबित हो सकता है। मच्छर काटने के बाद करीब 3 से 5 दिनों के बाद ही मरीजों को डेंगू बुखार के लक्षण दिखते हैं। डेंगू का मच्छर काटते ही डेंगू के लक्षण नहीं दिखने लगेंगे, जबकि कुछ दिन बाद ही इसका असर हो सकता है।

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क्यों मादा मच्छर के काटने से होता है डेंगू?

कई बार ये सवाल मन में जरूर आता है कि क्यों मादा मच्छर के काटने से डेंगू होता है? क्या इसमें नर मच्छर का कोई रोल नहीं होता? क्या नर मच्छर के काटने से डेंगू नहीं होता है? इसके पीछे का कारण जानने के लिए कुछ बातों को समझने की जरूरत है।

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इसके पीछे की असल वजह

मच्छरों को पोषण के लिए खून की कोई जरूरत नहीं है। असल में खून की जरूरत सिर्फ मादा मच्छरों को होती है वो भी अंडों के विकास के लिए जरूरत होती है। यही वजह है कि मनुष्यों को केवल मादा मच्छर काटती हैं और वहीं, नर मच्छर पौधों के रस से पोषण लेते हैं। मादा मच्छर 50 से लेकर 300 तक अंडे देती है। इन्हीं अंडों के विकास के लिए उन्हें खून की जरूरत होती है और इसलिए मादा मच्छर मनुष्यों को काटती है और इसी के चलते डेंगू वायरस मनुष्यों के शरीर में आता है। आपको बता दें, मच्छरों की सिर्फ छह % प्रजातियों की मादाएं अपने अंडों के विकास के लिए मनुष्य का खून पीती हैं।

कितने हफ्ते तक जिंदा रहते हैं एडीज मच्छर

एडीज का जीवन चक्र चार तरह से पूरा होता है। अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क। मादा मच्छर आमतौर पर किसी बोतल या फटे टायर में रुके पानी, किसी भी ऐसी जगह पर अंडे देती हैं, जहां पानी ठहरा होता है। एक जगह रुके हुए पानी में मादा मच्छर के अंडे से लार्वा बनने का प्रोसेस शुरू होता है और उसी पानी में लार्वा के पोषण के लिए भोजन के रूप में माइक्रो ऑर्गेनाइज्म मिलते हैं। एक हफ्ते के अंदर लार्वा से मच्छर बन जाता है।

बचाव जरूरी

डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को जैसे ही कोई मच्छर काट लेता है, उस मच्छर में डेंगू वायरस पहुंच जाता है। इसके बाद वो मच्छर अन्य किसी को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है। इसीलिए डेंगू संक्रमितों को मच्छरों से बचाव करना चाहिए।

Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

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