Mouthwash Risk: माउथवॉश करना कई लोगों की डेली रूटीन का हिस्सा है। अब चाहे वह सांसों को तरोताजा करने के लिए हो या दांतों की सड़न को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जबकि एक चौथाई आबादी
माउथवॉश का यूज करती है। माउथवॉश पर कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि इसका यूज करने से यह फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
रिसर्च में पाया गया है कि एंटीसेप्टिक माउथवॉश हाई ब्लड प्रेशर और जोखिम से जुड़ा हुआ है, जिसका कारण इसके बैक्टीरिया को मारने वाले गुण माने जाते हैं।
क्या माउथवॉश यूज करना चाहिए?
एंटीबायोटिक का इस्तेमाल इंटेस्टाइन के माइक्रोबायोम को परेशान कर सकता है। इसके अलावा बैक्टीरिया सहित रोगाणुओं (Germs) जो अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को खत्म करके हमारे पाचन और इम्यूनिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
माउथवॉश का उपयोग कैसे कुछ अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है, जो हमारे शरीर को हार्ट डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज जैसी स्थितियों से बचाने में मदद करता है।
डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च (Dental Education and Research) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ज़ो ब्रूक्स (Associate Professor Dr. Zoe Brooks) कहते हैं कि आपका मुंह बैक्टीरिया की सैकड़ों प्रजातियों से भरा हुआ है और वहां कुछ बैक्टीरिया की मैल और सड़न का कारण बनते हैं।
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जीभ पर बैक्टीरिया रहते हैं, जो हमारे द्वारा खाए गए खाने से नाइट्रेट को नाइट्राइट में बदल देते हैं, जो बाद में इंटेस्टाइन में नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड का असर हमारी ब्लड वेसल्स को आराम करने के लिए कहता है, जिससे हमारा ब्लड प्रेशर अच्छा और कम रहता है।
माउथ वॉश करने से पहले देखें ये video-
कई स्टडी में पाया गया है कि माउथवॉश का यूज करने से (एंटीसेप्टिक क्लोरहेक्सिडिन युक्त ब्रांड) ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण बन सकता है, खासकर उन लोगों में जिनका लेवल पहले से ही बढ़ा हुआ है। प्यूर्टो रिको विश्वविद्यालय में 2019 के एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग दिन में दो बार या उससे ज्यादा माउथवॉश का यूज करते हैं, उन्हें कम यूज करने वालों के मुकाबले हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा ज्यादा होता है और 2017 में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि ज्यादा वजन वाले लोग जो दिन में कम से कम दो बार ओवर-द-काउंटर माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं, उनमें तीन साल की अवधि में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा 50% बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं रिसर्चर
रिसर्चरों ने कहा कि इन मुंह के बैक्टीरिया को मारने से शरीर की नाइट्रिक एसिड बनाने की कैपेसिटी कम हो जाती है, जो बदले में ब्लड शुगर के असर को रोकती है, जिससे खतरनाक ब्लड शुगर में बढ़ोतरी होती है और जो समय के साथ डायबिटीज का कारण बन सकती है और यह माउथवॉश का एकमात्र का कारण नहीं है। जर्नल इंटेंसिव केयर मेडिसिन (Journal Intensive Care Medicine) में प्रकाशित 2020 के एक स्टडी में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीसेप्टिक माउथवॉश से सेप्सिस से मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है।
वैज्ञानिक अभी भी इस बात से कंफर्म नहीं हैं कि बढ़ते जोखिम के पीछे क्या है, लेकिन नाइट्रिक एसिड उत्पादन के लिए ओरल बैक्टीरिया को मारने से शरीर इस केमिकल को सोखने में सक्षम नहीं हो पाता है, जो हेल्दी सर्कुलेशन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब मरीज एंटीसेप्टिक क्लोरहेक्सिडिन युक्त माउथवॉश (टूथब्रश करने के साथ) का इस्तेमाल करते हैं, तो वे प्लाक को कम करते हैं, जो दांतों की सड़न और शुरुआती मसूड़ों की बीमारी का कारण बनता है।
क्लोरहेक्सिडिन इतना पावरफुल है कि यह बैक्टीरिया की कई अलग-अलग प्रजातियों को मार देता है, जिनमें अच्छे बैक्टीरिया भी शामिल हैं और इस तरह से हमारे ओरल माइक्रोबायोम को इंबैलेंस करके हमारे दिल की सेहत पर असर करता है, बल्कि सेप्सिस जैसी अन्य समस्याओं के शिकार होने का खतरा भी बढ़ा सकते हैं। मसूड़ों की बीमारी अनकंट्रोल डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जुड़ी है, इसलिए हमारे दांतों और मसूड़ों को हेल्दी रखना जरूरी जरूरी है।
Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।