कोरोना संक्रमण पाचन के लिए नुकसानदायक, जानें कैसे रखें इसका ख्याल
कैसे रखें स्वस्थ पाचन Image Credit: Freepik
Covid Infection and Gut Health: कोरोना महामारी को तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है और कोविड-19 के बारे में यही कहा जाता है कि इसका शरीर पर लंबे समय तक इफेक्ट रहता है। एक्सपर्ट ने देखा है कि लॉन्ग-कोविड (Long Covid) नामक इस कंडीशन की वजह से होने वाली कई समस्याओं में से एक पाचन से जुड़ी समस्याएं हैं,जो एसोफैगस,पेट,कोलन,लिवर और पैंक्रियाज भी कर सकती हैं।
हालांकि, इन लॉन्ग टर्म लक्षणों के सटीक कारणों का अभी भी स्टडी चल रही है,लेकिन यह माना जाता है कि वायरस सूजन का कारण बन सकता है,आंत बैक्टीरिया के बैलेंस को बाधित कर सकता है या एक ऑटोइम्यून रिएक्शन को ट्रिगर कर सकता है। रिसर्च से पता चलता है कि इन लक्षणों का खतरा कोविड-19 की गंभीरता के साथ बढ़ता है,खासकर उन लोगों में जिन्हें केयर की ज्यादा जरूरत होती है।
लॉन्ग-कोविड की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मेनिफेस्टेशन आपके कोविड-19 के इलाज के बाद रोजाना निगरानी करती हैं। जिन्हें लगातार गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) महसूस होता है,उन्हें मैनेज करने के लिए मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
पाचन को बेहतर बनाने के लिए इन बातों का ख्याल रखें
बैलेंस डाइट (Balanced Diet)
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर बैलेंस डाइट पर ध्यान देना चाहिए। ये जरूरी पोषण तत्व रिकवरी प्रोसेस में मदद करते हैं।
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प्रोबायोटिक्स (Probiotic)
दही जैसे प्रोबायोटिक फूड प्रोडक्ट को अपनी डाइट में शामिल करें। प्रोबायोटिक्स इंटेस्टाइन में बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं।
हाइड्रेशन (Hydration)
गट हेल्थ के लिए भरपूर पानी का होना जरूरी है। पाचन में मदद करने और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए खूब पानी पिएं, खासकर अगर इंफेक्शन के दौरान लूज मोशन एक लक्षण था।
फूड प्रोडक्ट (food product)
अगर कोविड-19 के दौरान कुछ भूख कम होना महसूस हुआ है, तो धीरे-धीरे अपनी डाइट में फिर से शामिल करें।
ट्रिगर करने वाले फूड प्रोडक्ट से बचें (Avoid trigger foods)
ऐसे फूड प्रोडक्ट से बचें जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, जैसे मसालेदार या चिकनाई वाले भोजन हो सकते हैं।
प्रोसेस्ड फूड सीमित करें (Limit processed foods)
प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड का सेवन कम से कम करें, क्योंकि ये शरीर में सूजन कर सकते हैं। पेट के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कंप्लीट पोषक तत्वों से भरपूर ऑप्शन को चुनें।
स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress Management)
क्रोनिक स्ट्रेस पेट के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। ओवरऑल हेल्थ के लिए मेडिटेशन,योग या डीप ब्रीदिंग जैसी एक्सरसाइज तनाव को कम कर सकती हैं।
Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
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