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वायरल फीवर इग्नोर करना खतरनाक, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से लें परामर्श, खराब हो सकता लीवर

Kanpur news: कानपुर में वायरल फीवर के मरीजों में पिछले 10 दिनो के अंदर मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है, वायरव फीवर के मरीज दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। चिकित्सकों की माने तो वायरल फीवर के केस पिछले कुछ दिनों से 20% मरीजों में वृद्धि हुई है। वायरल फीवर का सबसे […]

Kanpur news: कानपुर में वायरल फीवर के मरीजों में पिछले 10 दिनो के अंदर मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है, वायरव फीवर के मरीज दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। चिकित्सकों की माने तो वायरल फीवर के केस पिछले कुछ दिनों से 20% मरीजों में वृद्धि हुई है। वायरल फीवर का सबसे ज्यादा असर मरीज के चेस्ट और लिवर पर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है,कि नार्मल बुखार आने पर मरीजों को तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए। बुखार को नार्मल समझकर लापरवाही बरतने से उन्हें और भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यदि मरीज ने सही समय पर इलाज शुरु नहीं किया तो मर्ज बड़ा रूप भी ले सकता है।

इमरजेंसी में आने वालों का बीपी हो रहा लो

चिकित्सक विशेषज्ञ का कहना हैं जो मरीज सही समय पर ध्यान नहीं देते हैं, घरेलू नुस्खे या मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाते रहते है। ऐसे में शरीर कमजोर पड़ जाता हैं, फिर उन्हे इमरजेंसी में हास्पिटल में आने वाले मरीजो का तेज बुखार के साथ-साथ उनका बीपी लो भी रहता हैं। जब वायरस अटैक करता है तो ऐसे में आम दवा बुखार वाली असर नहीं करती है और बिना डॉक्टर से पूछे या दिखायें दवा का सेवन करने से यह वायरस आपके चेस्ट में इन्फेक्शन फैला देता है।

लिवर में आ जाती है सूजन

मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉ. गौतम वायलर फीवर के बारें में लोगों को जागरुक करते हुए बताते हैं कि जो लोग शुरुआत में अपना इलाज ठीक तरह से नहीं करते हैं। उनको चेस्ट के अलावा लिवर से संबंधित दिक्कतें भी हो जाती हैं। यदि लिवर में इंफेक्शन फैल गया तो उसमें सूजन आ जाती है। फिर आदमी को भूख कम लगती है। ऐसे में मरीज का शरीर कमजोर हो जाता है और कमजोर शरीर में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।तो ऐसे में विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

वायरल फीवर में मेडिकल स्टोर से न ले दवा

डॉ. एसके गौतम ने बताते है, कि इस वायरल फीवर में मरीजों को तेज बुखार आता है। इसके साथ ही आंखों में दर्द, बदन में दर्द, लाल चकत्ते जैसी शिकायतें भी आ रही हैं। ऐसे मरीजों के अंदर डेंगू के लक्षण भी हो सकते है, इस तरह का कुछ भी महशूश होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और डेंगू की जांच कराएं। ऐसे बुखार में आम दवा भी असर नहीं करती है। इसलिए इसमें अलग इलाज चलता है और मरीज को रिकवर करने में भी समय लगता है। ज्यादा तेज बुखार आने पर मरीज के दिमाग में भी असर पड़ता है। ऐसे में दवा के साथ-साथ कभी-कभी ठंडे पानी की पट्टी भी करनी चाहिए

बिना परामर्श ना खाएं कोई दवा

मेडिकल कॉलेज के डॉ. गौतम का कहना है, कि इस वायरस में बिना किसी डॉक्टर की परामर्श के कोई दवा ना ले, क्योंकि वायरस जब अटैक करता है, तो गलत दवा लेने से उसका असर शरीर पर पड़ता है, जो कि शरीर को कमजोर बनाता है और ऐसे में मरीजों का मर्ज बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। यदि  फीवर आने पर दवा खाने के बाद कुछ देर के लिए आराम मिल जाता है और फिर बुखार आ जाता हैं, तो ऐसे में दवा का बार- बार न ले, बल्कि तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।


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