TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Samsung Galaxy S25 seriesUP Diwas 2025Republic Day 2025IPL 2025

---विज्ञापन---

बच्चे को भी हो सकता है कैंसर, लक्षण देखें और खुद पहचानें! रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले

Childhood Cancer Symptoms: एक नई स्टडी से पता चला है कि लगभग आधे से ज्यादा माता-पिता बच्चों में कैंसर के लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं।

Image Credit: Freepik
Childhood Cancer Symptoms: कैंसर महामारी की तरह फैल रहा है। कैंसर का नाम सुनते ही किसी के भी भीतर डर और घबराहट का होना आम बात है। यह एक ऐसी बीमारी है जो सबसे ज्यादा डराने वाली है। दुनियाभर में हार्ट डिजीज के बाद कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। सिर्फ भारत में ही इसके करीब 20 लाख मरीज हैं। मेडिकल साइंस का इतना विकास हो जाने के बाद भी इस बीमारी का उचित इलाज नहीं खोजा जा सका है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। बच्चों में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। आज कैंसर से अस्पताल बच्चों से भरे पड़े हैं। कफी संख्या में बच्चों की मौत कैंसर से हो रही है। अगर शुरुआत में ही इस बीमारी का पता चल जाए तो इलाज संभव है, लेकिन ज्यादातर इसका पता तब चलता है जब यह बीमारी शरीर के ज्यादातर हिस्सों में फैल गई होती है। इसे मेटास्टेटिक स्टेज कहते हैं। एकबार यह बीमारी तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच गई, तो इसे पूरी तरह ठीक करना लगभग असंभव हो जाता है। एक नए स्टडी से चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसमें पता चला है कि लगभग आधे से ज्यादा माता-पिता को अपने बच्चों में कैंसर के लक्षणों के बारे में पता ही नहीं है। छोटे बच्चों में होने वाला कैंसर एक साल से अधिक उम्र के युवाओं में मौत की प्रमुख वजह है। यह उन्हें विकलांग बना देने की भी मुख्य कारण है। बच्चों में आमतौर पर एक्यूट ल्यूकेमिया, ब्रेन और रीढ़ की हड्डी का कैंसर होता है। ये भी पढ़ें- बच्चे या नौजवान…जंक फूड की लत के कौन ज्यादा शिकार, रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे

रिसर्च में खुलासा

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नई रिसर्च में पाया गया कि ब्रिटेन में रहने वाले एडल्ट लोगों में से लगभग दो तिहाई (68 %) कैंसर के संकेतों और लक्षणों की पहचान करने के बारे में आश्वस्त नहीं थे। स्टडी में यह भी पाया गया कि केवल 47 % माता-पिता ही इस बीमारी के सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं। ब्रिटेन में हर साल लगभग 3,750 नए कैंसर के मामले 24 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और युवाओं में पाए जाते हैं, जो काफी चिंताजनक है। ब्रिटेन में इनके जीवित रहने की दर यूरोप के बाकी हिस्सों से पीछे है। स्टडी की सह-लेखक डॉ. शारना शनमुगावाडिवेलिया ने बताया कि बच्चों में कैंसर के लक्षण अक्सर अन्य सामान्य बीमारियों के लक्षण की तरह ही होते हैं। इस समय कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट उपलब्ध नहीं हैं, जिसे देखते हुए इसका जल्द निदान और इलाज सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक और पेशेवर जागरुकता जरूरत है। इस सर्वे में 1,000 एडल्ट्स को शामिल किया गया, जिनसे कैंसर के संकेतों और लक्षणों को पहचानने के बारे में कुछ सवाल पूछे गए। यह भी बताया गया कि अगर बच्चों में कैंसर का कोई लक्षण है तो डॉक्टर से इसकी चर्चा करनी चाहिए। औसतन इस सर्वे में शामिल लोग कैंसर के 42 क्लासिक संकेतों और लक्षणों में से केवल 11 की पहचान कर पाए।

बच्चों में कैंसर के लक्षण

पेल्विस (पेट के निचले हिस्से), अंडकोष या स्तन में गांठ या सूजन, पेशाब में खून आना, छाती या बगल में गांठ, वजन कम होना, पेट में दर्द, चेहरे, जबड़े या खोपड़ी में गांठ या सूजन, लगातार या थोड़े-थोड़े समय पर थकान, भूख न लगना, लगातार उल्टी होना, छाती या बगल में दर्द, हड्डी या जोड़ों में सूजन या दर्द, आंतों के काम करने में बदलाव, कब्ज या दस्त, लगातार या रूक-रूककर पेट में दर्द, पेशाब करने में परेशानी बच्चों में होने वाले कैंसर के लक्षण हैं। बच्चों में जल्दी या देर से  युवाकाल का आना, नवजात के विकास में देरी और उनका धीरे-धीरे बढ़ना सबसे कम पहचाने जाने वाले लक्षण हैं। इस सर्वे में शामिल लगभग आधे यानी 43 % लोगों ने कहा कि वे बच्चों के गले में लगातार या बार-बार खराश या कर्कश आवाज या उनकी हड्डी या जोड़ों की चोट के धीमी गति से ठीक होने का तीन महीने तक इंतजार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह नहीं लेंगे।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.