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नाश्ते में पोहा खाना सेहत के लिए हेल्दी नहीं! एक्सपर्ट का दावा कितना सही

हेल्दी नाश्ते की तलाश में लोगों ने पोहे को खास दर्जा दिया हुआ है। आपने हर किसी के मुंह से पोहे को स्वादिष्ट और पौष्टिक बताते हुए सुना होगा, लेकिन हाल ही में एक एक्सपर्ट के इस खुलासे ने सबको चौंका दिया है। उनके अनुसार, पोहा हेल्दी नहीं बल्कि कार्ब्स से भरपूर एक व्यंजन है।

photo credit-freepik
एक ऐसा ब्रेकफास्ट ऑप्शन जिसे लोग बड़े चाव से पूरे देश में खाते हैं। वह क्या है? पोहा। जी हां, पोहा लोगों के बीच पौष्टिक नाश्ते की लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। कुछ लोग तो रोजाना ही सुबह के नाश्ते में पोहा खाते हैं। ऑफिसों और कॉलेजों के बाहर भी पोहे की कई दुकानें मौजूद होती हैं। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि हम पोहे को जितना हेल्दी मानते हैं, असल में पोहा उतना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। दरअसल, मेट्रोपोलिस की चेयरपर्सन बताती हैं कि पोहा कार्ब्स का भंडार है, जो हमारी सेहत के लिए बिल्कुल हेल्दी नहीं होता है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से। ये भी पढ़ें-Acidity के मरीजों को भी हो सकता है कैंसर! एक्सपर्ट का दावा कितना सही?

Carbs से भरा है पोहा

मेट्रोपोलिस की चेयरपर्सन अमीरा शाह के मुताबिक, पोहा सबसे अनहेल्दी ब्रेकफास्ट है क्योंकि पोहा चावल का ड्राई रूप है। चावल कार्ब्स का हिस्सा होते हैं। अगर हम सुबह की शुरुआत ही कार्ब्स से करेंगे, तो फिर सेहत के मामले पोहा कैसे हेल्दी हो सकता है? एक तर्क के अनुसार, पोहा सब्जियों और कम तेल में बना होता है इसलिए हेल्दी होता है लेकिन कार्ब्स की मात्रा में इनका असर शरीर पर कम होता है। हालांकि, कार्ब्स हमारे शरीर के लिए जरूरी है और पूरे दिन एनर्जेटिक रख सकता है लेकिन सुबह के समय अगर कार्ब्स युक्त नाश्ता खा चुके हैं, तो दिन में एक्स्ट्रा कार्ब्स खाने से बचें।

पोहा क्यों नुकसानदायक?

कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट। यह डायबिटीज और ओबेसिटी का रिस्क बढ़ाती है। पोहा सफेद चावलों का बना होता है, जो एक कटोरी खाया जाए तो पूरे दिन का कार्ब शरीर को मिल जाता है। वहीं, अगर दिन में भी दाल-चावल खा रहे हैं, शाम को फिर नाश्ते में कुछ मैदे से बना फूड खा रहे हैं, इसके बाद रात का खाना भी ऐसा ही भोजन खा रहे हैं, तो यह किस लिहाज से हेल्दी हो सकता है?

पोहा खाने का सही तरीका क्या?

पोहा फाइबर और आयरन से भरपूर होता है। आप इसे हफ्ते में 2 से 3 बार खा सकते हैं। पोहा बनाने के लिए हल्का तेल या फिर ऑयल फ्री भी बना सकते हैं। पोहे में सब्जियों का कंटेंट बढ़ाएं ताकि फाइबर का लेवल ज्यादा रहे। ये भी पढ़ें- खराब ओरल हाइजीन का न्यूरो सिस्टम पर क्या असर पड़ता है? Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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