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घर में छिड़कने वाले फ्रेशनर बन रहे बच्चों के दुश्मन, ताजा स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Cancer Causes: बच्चों की सेहत के लिए बिस्तर और एयर फ्रेशनर बन सकते हैं खतरनाक। जानिए नई स्टडी क्या कहती है और कैसे करें सुरक्षित विकल्पों का चुनाव।

Cancer Causes
Cancer Causes: घर से सुरक्षित कोई स्थान नहीं होता है। मगर क्या हो जब हमारा घर ही हमारी सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन बन जाए? जिस बिस्तर पर हम सोते हैं, वह कीटाणुओं का घर होता है। शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे, लेकिन बदलते समय में लोग अपने बिस्तर और रूम में खुशबू फैलाने के लिए एयर फ्रेशनर्स का इस्तेमाल करते हैं, ताकि घर में ताजगी बनी रहे। मगर क्या आप जानते हैं यह खतरनाक साबित हो सकता है आपकी सेहत के लिए? एक नई स्टडी के मुताबिक, घरों के बिस्तर में इन केमिकल्स के जहरीले तत्व चिपक जाते हैं, जिससे बच्चों को कैंसर हो सकता है। हालांकि, किसी को भी इसका प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन बच्चे जल्दी इसके घेरे में आ जाते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।

क्या कहती है स्टडी?

यह एक नई स्टडी है, जो दावा करती है कि केमिकल्स के संपर्क में छोटे बच्चे, जिनकी उम्र 6 महीने से 4 साल तक होती है, उन्हें गद्दे से निकलने वाले हानिकारक तत्व टारगेट करते हैं। इस स्टडी को कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की एक टीम ने की थी। रिसर्च में बताया गया है कि गद्दों में इन स्प्रे के तत्व जम जाते हैं और हवा का आना-जाना न होने के कारण भी इसका दुष्प्रभाव बढ़ जाता है। ये भी पढ़ें- कैंसर पीड़ित महिलाओं की सर्जरी के बाद भी बढ़ेगी उम्र

स्प्रे में मौजूद होते हैं ये तत्व

1. फ्लेम रिटार्डेंट्स इन्हें स्प्रे में इसलिए मिलाया जाता है, ताकि आग न लग सके। मगर ये तत्व बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। ये तत्व हार्मोन्स को डिस्टर्ब करते हैं। इनके प्रभाव से मोटापा, एलर्जी और दिमागी विकास में बाधा पैदा हो सकती है और कैंसर भी हो सकता है। 2. फ्थेलेट्स प्लास्टिक को मुलायम और लचीला बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह तत्व बच्चों को थायराइड का मरीज बना सकती है। इससे बच्चों का आइक्यू लेवल भी कम हो सकती है। 3. UV फिल्टर्स ये कंपाउंड्स सूरज की किरणों से सुरक्षा देने में सक्षम होते हैं, लेकिन ये तत्व बच्चों की सेहत को हार्म कर सकते हैं। इसका असर बच्चों के शरीर पर कई प्रकार से हो सकता है, जैसे कि मेंटल हेल्थ की समस्या होना या फिर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन। रिसर्च के मुताबिक, इस बात की भी पुष्टि की गई है कि महंगे और क्वालिटी वाले गद्दे भी इन रसायनों की चपेट में आ सकते हैं।

बचाव के लिए क्या करें?

यह रिसर्च प्रोफेसर मिरियम डायमंड की अगुवाई में की गई थी। उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बताया है कि घर में इस्तेमाल करने के लिए सबसे बढ़िया कॉटन के गद्दे होते हैं। यह प्राकृतिक विकल्प है। इनमें सोने से सेहत भी सही रहती है, यह हर मौसम के लिए उपयोगी और किफायती, दोनों होते हैं।

जरूरी सलाह

  • माता-पिता बच्चों की सोने की जगह का खास ख्याल रखें, जितना हो सके उन्हें सिंथेटिक सामग्री से बने गद्दों से बचाएं।
  • नेचुरल मटेरियल जैसे कि कॉटन से तैयार गद्दों और बेडशीट पर सुलाएं।
  • घर में ऐसे फ्रेशनर्स की जगह नेचुरल फ्रेग्रेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कि ताजे फूल या फिर किसी ऑर्गेनिक इसेंशियल ऑयल।
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