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HIV का इलाज खोजने में वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, संक्रमित सेल्स को मारने में हुए सफल

Big success in cure for HIV: एचआईवी यानी एड्स ब्लड कैंसर से भी घातक बीमारी है। लेकिन अब ब्लड कैंसर की एक दवा एड्स के इलाज की दिशा में कारगर साबित हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लड कैंसर की दवा एचआईवी से संक्रमित कोशिकाओं को मारती है। यह दवा एचआईवी के इलाज की […]

big success in cure for HIV
Big success in cure for HIV: एचआईवी यानी एड्स ब्लड कैंसर से भी घातक बीमारी है। लेकिन अब ब्लड कैंसर की एक दवा एड्स के इलाज की दिशा में कारगर साबित हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लड कैंसर की दवा एचआईवी से संक्रमित कोशिकाओं को मारती है। यह दवा एचआईवी के इलाज की दिशा में एक कदम आगे ले जा सकती है।यह शोध ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने किया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि वेनेटोक्लैक्स एचआईवी कोशिकाओं को मारने और घातक वायरस को फिर से संक्रमण फैलने से रोकती है।

मरीजों को खानी पड़ती है उम्र भर दवा

दरअसल, संक्रमण से खराब हो चुकी कोशिकाओं का इलाज वर्तमान में किसी दवा से नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि वायरस से पीड़ित लोगों को आजीवन दवा खानी पड़ती है। मेलबर्न में वाल्टर और एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट के डॉ. फिलिप अरंडजेलोविक ने कहा कि निष्क्रिय एचआईवी कोशिकाओं पर हमला करने और वायरल रिबाउंड में देरी करने में वेनेटोक्लैक्स ने असरदार क्षमता दिखाई है। उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष इस लक्ष्य की दिशा में एक कदम हैं।

भारत में 24 लाख से अधिक संक्रमित

2021 के एक आंकड़े के अनुसार, भारत में 24 लाख से अधिक लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। अधिकांश एचआईवी रोगियों को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) दी जाती है, जो शरीर में वायरस को फैलने से रोकती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। लेकिन दवाएं हाइबरनेटिंग एचआईवी संक्रमित कोशिकाओं को टारगेट नहीं करती है। मतलब यह केवल वायरस को दबा सकती है, इसे ठीक नहीं कर सकती है। यदि लोग एआरटी लेना बंद कर देते हैं, तो हाइबरनेटिंग एचआईवी संक्रमित कोशिकाएं तेजी से सक्रिय हो जाती हैं, जिससे वायरस फिर से उभर आता है।

ल्यूकेमिया के इलाज में इस्तेमाल होती है दवा

वेनेटोक्लैक्स, वेन्क्लेक्टा और वेन्क्लिक्स्टो ब्रांड नामों के तहत बेचा जाता है, आमतौर पर ल्यूकेमिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। यह कैंसर कोशिकाओं पर कुछ प्रोटीनों को रोकता है जो उन्हें बढ़ने और जीवित रहने में मदद करते हैं। इस प्रोटीन को अवरुद्ध करके यह कैंसर कोशिकाओं को मारने और उनके विकास को धीमा करने में सक्षम है। सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित नवीनतम अध्ययन में देखा गया कि दवा हाइबरनेटिंग एचआईवी संक्रमित कोशिकाओं को कैसे प्रभावित करती है। उन्होंने एचआईवी रोगियों से दान किए गए रक्त पर दवा का परीक्षण किया ताकि यह देखा जा सके कि यह सीडी4+ टी कोशिकाओं को कैसे प्रभावित करती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि दवा ने कोशिकाओं में निष्क्रिय एचआईवी डीएनए की मात्रा को कम कर दिया है, जो दर्शाता है कि यह संक्रमित कोशिकाओं को चुनिंदा रूप से मार रही है।

वैज्ञानिक ने किया ये दावा

डॉ अरंडजेलोविक ने कहा कि यह लंबे समय से समझा जाता रहा है कि एचआईवी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक दवा पर्याप्त नहीं हो सकती है। इस खोज ने उस सिद्धांत का समर्थन किया है, जबकि एचआईवी के खिलाफ हथियार के रूप में वेनेटोक्लैक्स की शक्तिशाली क्षमता को उजागर किया है। यह भी पढ़ें: 70 साल से लोहे के फेफेड़ों से जिंदा है ये शख्स, काबिलियत जानकर दिल से करेंगे सैल्यूट


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