Uttarkashi Tunnel Rate Hole Miner munna qureshi: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के जीवन में कल नया उजाला आया जब उन्हें 17 दिनों के बाद टनल से बाहर निकाला गया। इस ऑपरेशन को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत भारत सरकार की कई एजेंसियों ने मिलकर अंजाम दिया था। रेस्क्यू के 15वें दिन जब आॅगर मशीन एक बार फिर खराब हुई तो 6 सदस्यीय रैट माइनर्स को बुलाया गया। इसके बाद खुदाई शुरु की गई। बता दें कि सुरंग के आखिरी हिस्से में जहां मजदूर फंसे थे वहां मुन्ना कुरैशी पहुंचे और मजदूरों को बाहर निकाला गया। रैट होल खनन छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला निकालने की एक विधि है लेकिन असुरक्षित होने के कारण 2014 में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।
आइये आपको बताते हैं आखिर कौन हैं मुन्ना कुरैशी?
मुन्ना कुरैशी दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग कंपनी के कार्मिक है। जो सीवर लाइन और पानी के टैंकों की सफाई करती है। मुन्ना ने बताया कि जब उन्होंने सुरंग का आखिरी पत्थर हटाया तो फंसे हुए लोगों ने मुझे देखा और उत्साहित होकर मुझे गले लगा लिया। इसके बाद उन्होंने मुझे खाने को बादाम दिये। कुरैशी ने आगे बताया कि वह और उनकी टीम पिछले 24 घंटे से काम कर रही थी। जब हम अंदर पहुंचे तो अंदर फंसे लोग नाचने लगे।
आंखों में आंसू आ गए
कुरैशी ने बताया कि अंदर के लोगों से मिल मेरी आंखों में आंसू आ गए। उन लोगों ने मुझे धन्यवाद कहा और जो इज्जत मुझे मिली वह मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता। वहीं मुन्ना के अन्य साथी फिरोज ने बताया कि जब हम कुछ मीटर की दूरी पर थे तो हम टनल में फंसे मजदूरों की आवाज आ रही थी। इसके बाद हमनें उनको बताया कि हम उनके नजदीक पहुंच चुके हैं। हमारे अंदर पहुंचने के आधे घंटे बाद एनडीआरएफ के लोग भी सुरंग में प्रवेश कर गए।