षडाष्टक योग क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दो ग्रह जब एक दूसरे से 150 डिग्री की दूरी पर स्थित होते हैं, तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है, क्योंकि इसमें दोनों ग्रह एक-दूसरे से षष्टम और अष्टम भाव में होते हैं। इस योग को अच्छा नहीं माना गया है, क्योंकि इसमें ग्रहों के बीच ऊर्जा का टकराव होता है, जिसे मनुष्य जीवन पर नकारात्मक असर होता है।सूर्य-शनि षडाष्टक योग का नकारात्मक असर
वृषभ राशि
सूर्य और शनि से निर्मित षडाष्टक योग वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहद नकारात्मक साबित हो सकता है। जिंदगी की परेशानियां बढ़ने से आपकी चिंताएं बढ़ेंगी। हर प्रकार के रिलेशनशिप का विशेष ध्यान रखने की जरुरत हैं। खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की आशंका है। धन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट में बाधाएं आ सकती हैं। कारोबार में व्यापारियों को धन की जबरदस्त हानि होने के योग हैं। पारिवारिक जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती है।कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य और शनि का षडाष्टक योग से प्रतिकूल साबित हो सकता है। आप स्वास्थ्य समस्याओं से बेहद परेशान रह सकते हैं। इलाज के महंगे खर्च से जीवन में आर्थिक संकट बढ़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों के लिए समय अनुकूल नहीं है। नौकरी और इनकम दोनों पर नकारात्मक असर हो सकता है। आप मानसिक रूप से बेहद परेशान रहेंगे। व्यापार में विरोधी आप पर हावी रहेंगे। बिजनेस में नुकसान बढ़ने की आशंका है।धनु राशि
सूर्य-शनि के षडाष्टक योग का धनु राशि के जातकों के जीवन पर नकारात्मक असर होने के योग हैं। शिक्षा और ज्ञान के लिए यह समय बेहद अलाभकारी होने के योग दर्शा है। स्टूडेंट्स जातकों को धन संकट होने से पढ़ाई छोड़ना पड़ सकता है। काम-धंधे में धन की हानि होने से तनाव बढ़ने के योग हैं। पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद उभर सकते हैं। कानूनी मामलों में उलझने से कामकाज पर नकारात्मक असर होने की आशंका है। पारिवारिक जीवन में कलह बढ़ने के योग हैं। ये भी पढ़ें: Temples of India: यहां होती है कुत्तों की पूजा, इस मंदिर में कांतारा करते हैं Puppy का नामकरण ये भी पढ़ें: दुर्योधन की पत्नी महासुंदरी भानुमती की कहानी, पति की मृत्यु के बाद क्यों किया अर्जुन से विवाह, पढ़ें पूरी कथा
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