मध्य प्रदेश चुनाव में 16 फीसदी वोट बैंक के लिए क्या है मोदी का गेम चेंजर प्लान?
Prime Minister narendra Modi
PM Modi game changer plan (विपिन श्रीवास्तव): मध्य प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश में 16 फीसदी दलित वोटर हैं। 2018 में हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच एससी सीटों पर कड़ी टक्कर रही थी। अब एक बार फिर सभी पार्टियां दलित वोट बैंक को साधने में जुट गई हैं। पीएम मोदी शनिवार को सागर पहुंचकर अपना गेम चेंजर प्लान चल दिया है। पीएम मोदी का यह प्लान न सिर्फ एमपी विधानसभा चुनाव के लिए है बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी है। प्रधानमंत्री ने सागर में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास मंदिर की नींव रखी है। इसके जरिए दलितों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
बनारस में जन्मे थे संत रविदास
अपने दोहों और पदों के जरिए समाज में फैले जातिगत भेदभाव को तोड़ने और सामाजिक एकता बढ़ाने वाले संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म 1376 में उत्तर प्रदेश के बनारस शहर के गांव गोवर्धनपुर में हुआ था। मुगलों के शासन के दौरान अत्याचार गरीबी भ्रष्टाचार और जातिगत भेदभाव को देखने वाले चर्मकार समाज से आए रविदास जी ने बखूबी देखा और अपने कवित्व के जरिए समाज को जोड़ने की कोशिश भी की। उनके संदेशों ने समाज के हर वर्ग पर असर डाला यही वजह है की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर में संत रविदास जी के 11 एकड़ में बनने जा रहे भाव मंदिर और स्मारक का भूमि पूजन किया।
अलग-अलग क्षेत्रों में निकाली समरसता यात्रा
मध्य प्रदेश चुनाव में महज 3 महीने बाकी हैं। ऐसे में 16 फ़ीसदी दलित वोट बैंक पर निशाना साधते हुए बीजेपी ने संत रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिए भव्य तैयारियां भी की, इसके लिए प्रदेश के पांच अलग-अलग इलाकों से बकायदा समरसता यात्रा भी निकाली गई।
अयोध्या की तर्ज पर संत रविदास मंदिर का भूमि पूजन
प्रदेश के पांच अलग-अलग अंचलों से निकल गई समरसता यात्राएं उसी तर्ज पर निकाली गई, जिस तर्ज पर राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में देशभर से चंदा एकत्रित किया गया था। यह यात्राएं 150 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों के 53 हजार गांवों से 312 नदियों का जल लेकर सागर पहुंची। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर और स्मारक का तमाम संतों की मौजूदगी में इसी पानी और मिट्टी के साथ शिलान्यास किया।
80 सीटों पर दलितों का प्रभाव
संत शिरोमणि रविदास के मंदिर निर्माण के पीछे जहां धार्मिक आस्थाएं और जातिगत भावनाएं जुड़ी हैं, वहीं दलित समुदाय का वोट बैंक भी एक बड़ी कहानी है। मध्य प्रदेश में दलित समुदाय एमपी की 230 में से ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड समेत विंध्य की तकरीबन 80 सीटों पर प्रभाव डालता है।
60 लाख से ज्यादा एससी वोटर
- एमपी में अनुसूचित जाति आबादी 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा
- अनुसूचित जाति वोटर 60 लाख से ज्यादा
- प्रदेश की कुल जनसंख्या में 16 फ़ीसदी दलित
- विधानसभा की 230 सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित
- एमपी में आरक्षित 35 सीटों में से 21 सीटें भाजपा के पास, कांग्रेस के पास 14 सीटें
कमलनाथ ने पीएम मोदी पर कसा तंज
प्रधानमंत्री के दलित प्रेम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि आज उन्हें और भारतीय जनता पार्टी को सब कुछ याद आने लगा। संत रविदास याद आने लगे सब कुछ याद आने लगे। ये उनकी आदत है, वह सोचते हैं कि वह जनता का ध्यान मोड़ पाएंगे वह सोचते हैं कि वह जनता को गुमराह कर पाएंगे। लेकिन मध्य प्रदेश के मतदाताओं ने तय कर लिया है कि वह बड़े प्यार से शिवराज सिंह चौहान जी को विदा करेंगे।
35 सीटों पर मिली थी कांटे की टक्कर
2018 में 35 रिजर्व SC सीटों में कांग्रेस-BJP में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। BJP को 18 SC सीटों पर सफलता मिली थी। कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2013 के चुनाव की तुलना में कांग्रेस के हाथ 13 सीटें ज्यादा आई थीं। भाजपा को 10 सीटों का नुकसान हुआ था। इसी वजह से 2018 में कांग्रेस की सरकार बन गई।
बीएसपी ने फाइनल किए सात उम्मीदवार
बीएसपी ने 11 अगस्त को सबसे पहले मध्य-प्रदेश में 7 उम्मीदवारों की सूची जारी कर अपनी अमाद दे दी, क्योंकि MP में बसपा, BJP और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ने में सक्षम है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 प्रतिशत वोट बैंक के साथ बसपा ही प्रदेश में तीसरे नंबर की पार्टी थी।
वर्तमान विधानसभा में बसपा के दो विधायक पथरिया से रामबाई और भिंड से संजीव सिंह जीते थे। हालांकि, संजीव सिंह अब भाजपा के साथ हो लिए हैं। इसके अलावा बसपा प्रत्याशी जौरा, देवताल, ग्वालियर ग्रामीण, पौहारी, रामपुर बघेलान और सबलगढ़ में दूसरे नंबर पर थे। 36 सीटों पर बसपा तीसरे स्थान पर थी। यहां 5 हजार से लेकर 48 हजार वोट पाने में बसपा प्रत्याशी सफल रहे थे। पिछली बार भाजपा को सत्ता से बाहर करने में बसपा की बड़ी भूमिका थी। PM की सभा के बहाने BJP दलित वोटरों को साधने में जुटी है।
मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीटें
सामान्य -19
एससी- 4
एसटी - 6
टीकमगढ़ SC
भिंड SC
उज्जैन SC
देवास SC
शहडोल ST
मंडला ST
रतलाम ST
धार ST
खरगोन ST
बैतूल ST
पिछले दो लोकसभा चुनावों का इतिहास
2014 कांग्रेस 2, बीजेपी 27
2019 कॉंग्रेस 1, बीजेपी 28
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