पीतल कलश में तुलसी जल से अभिषेक
निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर, पीले वस्त्र धारण करें और घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद तुलसी की कुछ पत्तियाँ और गंगाजल से भरे पीतल के कलश से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस अभिषेक के दौरान 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। यह उपाय आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर समृद्धि और सकारात्मकता लाता है।पीपल पूजा और दीपदान
इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और 11 परिक्रमा करें। साथ ही, वृक्ष पर जल चढ़ाएं और चंदन अथवा अक्षत अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। यह उपाय विशेष रूप से पैसों की तंगी दूर करने और व्यापार में वृद्धि के लिए प्रभावी माना जाता है।जल और वस्त्र दान
निर्जला व्रत का मूल भाव 'त्याग' और 'सेवा' है। इस दिन गरीबों या प्यासे लोगों को शीतल जल, छाछ, फल, और पीले वस्त्र दान करें। अगर संभव हो तो मिट्टी के घड़े में ठंडा जल भरकर सार्वजनिक स्थानों पर रखें। इस छोटे से सेवा कार्य से आपको ना केवल पुण्य मिलेगा, बल्कि आपके जीवन में स्थिरता, शांति और आर्थिक समृद्धि भी बढ़ेगी। ये भी पढ़ें: हथेली पर दिखें ये रेखाएं और चिह्न तो नसीब में पैसा ही पैसा, सफलता भी चूमेगी आपके कदम
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