दिल्ली जल संकट क्या है? बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग; सरकारों के बीच छिड़ा ‘वॉटर वॉर’
Delhi Water Crisis Detail Analysis: पिछले कई दिनों से राजधानी दिल्ली बूंद-बूंद पानी को तरस रही है। दिल्ली का जल संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी मारले अनशन पर बैठ गईं हैं। आतिशी ने हरियाणा सरकार पर पानी ना देने का आरोप लगाया है। तो आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है? दिल्ली में जल संकट क्यों बढ़ रहा है? इसे लेकर सरकारों में क्यों रस्साकसी चल रही है और इस मामले पर कोर्ट का क्या रुख है?
1. आतिशी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी मारलेना ने भूख हड़ताल शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली जल संकट पर हरियाणा सरकार से बात करें। अगर पीएम मोदी ने इस समस्या का हल नहीं निकाला तो आतिशि 21 जून से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी।
2. हरियाणा पर लगाया आरोप
इस पत्र में आतिशी ने बताया कि दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से कुल 1,050 MGD (मिलियन गैलन पर डे) पानी मिलता है। जिसमें से हरियाणा को 613 MGD पानी दिल्ली में सप्लाई करना होता है। मगर हरियाणा ने 100 MGD पानी कम सप्लाई किया है। इस वजह से दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी की किल्लत उठानी पड़ रही है।
3. मुनक नहर पर छिड़ा विवाद
आतिशी ने अपने पत्र में कहा कि हिमाचल प्रदेश दिल्ली को पानी देने के लिए तैयार था। मगर हरियाणा ने हिमाचल से आने वाली मुनक नहर का पानी भी रोक दिया। जिससे हिमाचल का भेजा हुआ पानी दिल्ली नहीं पहुंच पा रहा है और दिल्ली में जल संकट बढ़ने लगा है।
4. हरियाणा सरकार ने दी सफाई
हालांकि हरियाणा सरकार का कहना है कि वो मांग से ज्यादा पानी दिल्ली को दे रहे हैं। हरियाणा सरकार ने इस पर सफाई पेश करते हुए कहा कि हमें 719 क्यूसेक (1 क्यूबिक फुट पर सेकेंड) पानी दिल्ली को देना होता है। मगर हरियाणा सरकार 1,050 क्यूसेक पानी दिल्ली को सप्लाई कर रही है।
5. दिल्ली में कहां से आता है पानी?
बता दें कि दिल्ली पानी के लिए अपने पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से दिल्ली की 90 प्रतिशत पानी की आपूर्ति होती है। वहीं गंगा, यमुना, रवि और ब्यास नदियों का पानी अलग-अलग नहर के जरिए दिल्ली भेजा जाता है।
6. क्या है जल संकट की वजह?
दिल्ली में जल संकट का बड़ा कारण जनता की बढ़ती मांग है। 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली में कुल 2 करोड़ आबादी है। भीषण गर्मी में दिल्ली के लोगों में पानी की मांग बढ़ जाती है। दिल्ली को 1290 MGD पानी की जरूरत है। मगर जल बोर्ड सिर्फ 1000 MGD तक पानी मुहैया करवा सकता है। यही वजह है कि कई लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता है और गर्मी आते ही राजधानी के कई इलाकों में पानी की किल्लत होने लगती है।
7. सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
कई रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली में ग्राउंड वॉटर काफी नीचे जा चुका है। इसकी बड़ी वजह राजधानी में तेजी से होता शहरीकरण बताया जा रहा है। दिल्ली के जल संकट को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी को फटकार लगाते हुए टैंकर माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
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