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याकूब मेमन की क्रब पर हुआ विवाद, 2015 में हुई थी फांसी, अब जांच के आदेश

नई दिल्ली: मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी के सजा 2015 में दे दी गई। 1993 में मुंबई में सीरियल धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी। अब सात साल के बाद याकूब मेमन फिर से चर्चा में है। मेमन की कब्र पर जोरदार राजनीति हो रही है। […]

नई दिल्ली: मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी के सजा 2015 में दे दी गई। 1993 में मुंबई में सीरियल धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी। अब सात साल के बाद याकूब मेमन फिर से चर्चा में है। मेमन की कब्र पर जोरदार राजनीति हो रही है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की पिछली उद्धव ठाकरे सरकार पर कब्र को मजार में बदलने और सौंदर्यीकरण के आरोप लगाए है। वहीं, शिवसेना का कहना है कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने याकूब के शव को उनके परिवार को सौंपा था। कहां दफन है याकूब मेमन? ये मामला इतना बढ़ गया है कि अब मुंबई पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। फांसी के बाद याकूब मेमन को मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन के पास एक कब्रिस्तान में दफनाया गया था। अब कब्र के कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही है। समें दावा किया जा रहा है कि याकूब मेमन की कब्र को मार्बल और लाइट्स से सजाया गया है। तस्वीर आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तहलका मच गया है। बीजेपी और शिवसेना आमने सामने आ गई है। भाजपा नेता ने उठाए सवाल भाजपा नेता राम कदम ने ट्वीट किया, 'उधव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। उस काल में मुंबई में पाकिस्तान के इशारे पर 1993 में बंब कांड करने वाला खूंखार आतंनवादी याकूब मेमन की कबर मझार में तब्दील हो गई। यही है इनका मुंबई से प्यार, यही इनकी देश भक्ती? उधव ठाकरे समेत शरद पवार तथा राहुल गांधी माफी मांगे मुंबई की जनता की।' उन्होंने ट्वीट के जरिए कब्र की दो फोटो भी शेयर की हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है। पहले मजार किस तरह की दिखती थी, लेकिन अब कैसी नजर आ रही है। विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू महाराष्ट्र में बीजेपी ने उद्वव ठाकरे को घेरा हुआ है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि याकूब मेमन की कब्र उद्धव ठाकरे की सरकार में बनाई गई। उधर शिवसेना विधायक और प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने इन आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीति है कि आतंकियों के शवों को उनके परिजनों को न सौंपा जाए। इसके बावजूद देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते याकूब के शव को उसके परिवार को क्यों सौंपा गया?


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