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हमास-इजरायल जंग: UN में भारत के रुख पर क्यों सरकार पर भड़कीं प्रियंका गांधी?

Why India Did Not Vote in United Nations Over Gaza Ceasefire Resolution: संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम में भारत के वोट न करने को लेकर केंद्र की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है।

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Oct 28, 2023 17:15
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Israel hamas war

Why India Did Not Vote in United Nations Over Gaza Ceasefire Resolution: संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम में भारत के वोट न करने को लेकर केंद्र की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भड़कते हुए भारत के रुख पर हैरानी जताई और विदेश नीति की जमकर आलोचना की। प्रियंका ने कहा कि वह भारत सरकार के कदम से शर्मिंदा हैं। आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है और स्टैंड लेने से इंकार करना उन सभी चीजों के खिलाफ है जिसके लिए देश एक राष्ट्र के रुप में खड़ा रहा है। मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने गाजा में युद्धविराम के लिए मतदान करने से परहेज किया।

ऐसे में सवाल उठता है कि भारत ने ऐसा रुख क्यों अपनाया? भारत ने गाजा युद्धविराम की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान क्यों नहीं किया? उससे पहले जानते हैं कि प्रस्ताव क्या था?

जॉर्डन ने प्रस्तुत किया था प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन ने गाजा में संघर्ष विराम का प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया। 120 देशों ने इसके पक्ष में वोट किया। 14 ने इसके विरोध में और 45 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत के अलावा गैर हाजिर रहने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल थे।

सरकार ने बताई ठोस वजह

भारत ने अपने अनुपस्थित रहने की ठोस वजह बताई। कहा कि प्रस्ताव में हमास का जिक्र नहीं था और संयुक्त राष्ट्र को आतंक के खिलाफ स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास ने अचानक हमला किया। जिसमें 1,400 लोग मारे गए। इसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। बंधक बनाए गए लोगों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। हम उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान करते हैं। आतंकवाद एक घातक बीमारी है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती है। दुनिया को ऐसा करना चाहिए।

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First published on: Oct 28, 2023 04:59 PM

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