Explainer : इजरायली सेना के लिए ‘मौत का कुआं’ हैं हमास की खुफिया सुरंगें, गाजा में जमीनी हमला नहीं है आसान
इजरायली सेना के लिए 'मौत का कुआं' हैं हमास की खुफिया सुरंगें।
हमास के हमले के बाद इजरायली सेना अब गाजा पट्टी में जमीनी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए इजराइल ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों की फौज तैयार कर ली है। इजरायल के टैंकर गाजा में पहुंच रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि इजरायल आखिर गाजा में कब दाखिल होगा। क्या गाजा में घुसकर हमास को खत्म करना आसान है। यह सवाल इसलिए उठाता है कि गाजा में खतरनाक और गहरी सुरंगे हैं, जिसमें हमास के आतंकी शरण लेते हैं और राकेट लॉन्चर के लिए इन सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं।
गाजा में जमीनी सुरंगों का बिछा है जाल
गाजा घनी आबादी वाला शहर है। इसके साथ ही यहां जमीन के नीचे खुफिया सुरंगों का जाल है, जिसके द्वारा हमास के आतंकी एक स्थान से दूसरे स्थान भाग जाते हैं। इन सुरंगों में छिपने के साथ ही आतंकी यहां से राकेट भी लॉन्च करते हैं। हमास की ये सुरंगे बेहद खतरनाक और भूल- भुलैया की तरह हैं। ऐसे में जब इजरायल की सेना हमास पर हमले करेगी तो वह सुरंग में चले जाएंगे। अगर सेना सुरंग में घुसने की गलती करती है तो उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अगवा लोगों को खोजना और छुड़ाना कठिन काम है
हमास 150 इजराइली अगवा लोगों को छोड़ने के बदले में फिलिस्तीन के 5200 कैदियों की रिहाई की मांग की है, जो इजरायल की जेल में बंद हैं। साथ ही हमास ने चेतावनी दी है कि इजरायल की सेना बिना किसी चेतावनी के गाजा में नागरिक ठिकानों पर बमबारी करेगी, तो सभी बंधकों को मार देगा। इजराइली सेना को खुद भी नहीं पता कि हमास ने बंधकों को कहां छिपा कर रखा है। ऐसे में उनको खोजना मुश्किल काम है।
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सात अक्टूबर के हमलों में सुरंगों की कितनी भूमिका थी
सात अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया। हमास ने हमले में रॉकेट का इस्तेमाल किया और सुरंगों से रॉकेट को लॉन्च किया। हमास की कुछ सुरंगें गाजा की सीमा से सीधे इजरायली समुदायों तक जाती हैं। इससे हमास के लड़ाकों को घुसपैठ करने, अपहरण करने और इजरायली नागरिकों पर हमला करने में मदद मिलती है।
30 फुट ऊंची है इजरायल की फेंसिंग
गाजा के साथ इजरायल की बाड़ 30 फुट ऊंची है, इसमें अंडरग्राउंड कंक्रीट बैरियर बने हैं। ऐसरे में हमास के आतंकी इजराइल में कैसे घुस गए? यह एक सवाल है। यहां आपको जान लेना चाहिए कि गाजा शहर के भीतर सीमा पार की सुरंगें अंडर डेवलप हैं। बीबीसी की खबर के मुताबिक रीचमैन यूनिवर्सिटी की फैकल्टी मेंबर डॉ. डेफने रिचमोंड-बराक ने बताया कि सीमा पार की सुरंगें अंडर डेवलप होती हैं। जिसका मतलब है कि उनमें बमुश्किल कोई किलेबंदी होती होगी। उन्हें एक ही मकसद के लिए खोदा जाता है। ये मकसद है इजरायली क्षेत्र पर हमला करना। डेफने रिचमोंड-बराक कहती हैं कि ये सुरंगें लंबी और ज्यादा व्यवस्थित हैं। हमास के सदस्य यहां छिपे होते हैं। इन सुरगों का इस्तेमाल हमास ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन लाइनों के लिए करते हैं।
यहां की ज्यादातर सुरंगें 1 मीटर चौड़ी और 2.5 मीटर ऊंची हैं। कई मामलों में, ये सुरंगें गहराई तक उतरती हैं और सतह से 30 मीटर नीचे तक पहुंच जाती हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने 2007 के बाद से 1.25 बिलियन डॉलर की लागत से 1,300 से अधिक सुरंगों का निर्माण किया है। यह पैसा उसे गाजा में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अलग-अलग देशों से दान के तौर पर मिला हुआ है।
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