Explainer: हाफिज सईद कैसे बन गया भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक? पाकिस्तान से हो रही प्रत्यर्पण की मांग
Hafiz Saeed
Hafiz Saeed Extradition Demand : भारत ने पाकिस्तान सरकार को 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रत्यर्पण को लेकर अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इसके लिए हमने सभी संबंधित दस्तावेज भी भेजे हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कि कैसे हाफिज सईद भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक बन गया।
लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद मुंबई में हुए 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में उसकी भूमिका को लेकर ट्रायल के लिए भारत कई बार पाकिस्तान से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है लेकिन पाक इससे इनकार करता रहा है। अमेरिका भी सईद पर 10 मिलियन डॉलर (83,19,10,500 रुपये) की बाउंटी रख चुका है।
अफगानिस्तान में ली थी ट्रेनिंग
रिपोर्ट्स के अनुसार हाफिज सईद 1970 के दशक के अंत में या 1090 के दशक की शुरुआत में आतंकी ट्रेनिंग लेने के लिए अफगानिस्तान गया था। यहां वह ओसामा बिन लादेन के मेंटर अब्दुल्लाह अज्जाम और अन्य अफगान लड़ाकों से मिला था। उसने 1990 के दशक में लश्कर-ए-तैयबा की नींव रखी थी।
अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट की वेबसाइट के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा ने 1993 के बाद से भारतीय सेना और नागरिकों के खिलाफ कई हमले किए हैं। भारत सरकार का कहना है कि जुलाई 2006 में मुंबई की कई लोकल ट्रेन्स में हुए हमलों के पीछे लश्कर का हाथ था। दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले के पीछे भी यही संगठन था।
इसके अलावा अक्टूबर 2005 को नई दिल्ली और दिसंबर 2005 को बेंगलुरु में हुए हमलों के पीछे भी लश्कर-ए-तैयबा का ही हाथ माना जाता है। बता दें कि 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में तीन अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
2019 से जेल में है हाफिज सईद
कई बार गिरफ्तार और रिहा हो चुका हाफिज सईद आतंकवाद से अपना कोई भी नाता होने से इनकार करता रहा है। वह जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के बीच कोई संबंध होने से भी मना करता रहा है। साल 2008 में सईद ने पाकिस्तान के जियो टीवी को बताया था कि लश्कर-ए-तैयबा का कोई भी सदस्य जमात-उद-दावा में नहीं है और वह कभी भी लश्कर का प्रमुख नहीं रहा है।
जुलाई 2019 में सईद को टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब वह लाहौर से गुजरानवाला की ओर जा रहा था। उसे अप्रैल 2022 में टेरर फंडिंग के दो मामलों में 32 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। माना जाता है कि ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ब्लैकलिस्ट में शामिल होने से बचना चाहता था।
राजनीतिक पार्टी भी तैयार की
हाफिज सईद 2019 से जेल में है। लेकिन उसने एक नया राजनीतिक फ्रंट संगठन तैयार किया है जिसका नाम पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग है जो खुद को राजनीतिक पार्टी बताती है। इस पार्टी ने अगले साल आठ फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव के लिए अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। सईद का बेटा तल्हा सईद लाहौर से चुनाव लड़ रहा है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.