Explainer: क्या है, कैसे काम करती Ethics Committee, जिसकी सिफारिश पर रद्द हुई महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता
Mahua Moitra
Lok Sabha Ethics Committee Explainer: तृणमूल कांग्रेस की सांसद Mahua Moitra की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। कैश फॉर क्वेरी मामले में कार्रवाई हुई और लोकसभा से Mahua Moitra को निष्कासित कर दिया गया। मामले में आज लोकसभा की Ethics Committee ने आज लोकसभा सदन में मामले की रिपोर्ट पेश की, जिसमें Mahua Moitra की सदस्यता रद्द करने और मामले की गहन जांच कराने की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट पढ़ने के बाद एक्शन लेते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने Mahua Moitra की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुना दिया। वहीं रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा। फैसले का विरोध करते हुए विपक्षियों ने वॉकआउट किया, लेकिन क्या आप उस Ethics Committee को बारे में जानते हैं, जिस पर Mahua Moitra ने वस्त्रहरण के आरोप लगाए और जिसकी सिफारिश पर Mahua Moitra की लोकसभा सदस्यता रद्द हुई।
क्या है Ethics Committee और कौन हैं इसके मेंबर?
लोकसभा सांसदों के नैतिक आचरण और व्यवहार की निगरानी करने के लिए Ethics Committee बनाई गई है। इस कमेटी का काम किसी सांसद पर लगे आरोपों की जांच करना है। स्पीकर द्वारा सांसद के खिलाफ मिली शिकायतें इस कमेटी को दी जाती हैं। यह कमेटी मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट पेश करती है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष आरोपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। यह कमेटी 2015 में बनाई गई थी। इसे लोकसभा का स्थायी हिस्सा बनाया गया है। इसकी अवधि एक साल के लिए होती है और इसमें 15 मेंबर होते हैं। मेंबर्स की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष करते हैं। इस समय कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर कमेटी के अध्यक्ष हैं। भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे, कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी, और परनीत कौर; शिवसेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; CPI (M) के पीआर नटराजन और BSP के दानिश अली कमेटी के मेंबर हैं।
क्या है Mahua Moitra विवाद?
14 अक्टूबर: कारोबारी जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। CBI को शिकायत देकर केस दर्ज कराया।
15 अक्टूबर: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा ने मांग की कि स्पीकर ओम बिड़ला महुआ मोइत्रा को संसद से सस्पेंड करें।
17 अक्टूबर: स्पीकर ओम बिड़ला ने Ethics Committee को शिकायत भेजी। महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया।
18 अक्टूबर: लोकसभा ने निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया। इसमें उन्हें 26 अक्टूबर को पेश होने का आदेश कहा गया।
19 अक्टूबर: बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने एक एफिडेविट देकर कहा कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें अपना संसदीय लॉगिन ID दिया था।
20 अक्टूबर: महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि बिजनेसमैन दर्शन ने कनपटी पर बंदूक तानकर एफिडेविट साइन करवाया। मानहानि केस में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
21 अक्टूबर: निशिकांत दुबे ने एक दावा किया। वे बोले कि महुआ मोइत्रा की संसदीय ID दुबई में खोली गई थी। वह खुद भारत में थीं।
27 अक्टूबर: महुआ मोइत्रा ने एक इंटरव्यू में कबूलनामा किया। उन्होंने माना कि दर्शन से तोहफे लिए और उन्हें संसदीय लॉगिन और पासवर्ड दिए।
28 अक्टूबर: Ethics Committee ने कैश फॉर क्वेरी केस में महुआ मोइत्रा को 2 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया।
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31 अक्टूबर: महुआ नेआरोप लगाया। वे बोलीं कि मुझे फोन और ईमेल पर Apple का अलर्ट आया है। केंद्र सरकार उनका फोन हैक करने की कोशिश कर रही है।
2 नवंबर: महुआ मोइत्रा Ethics Committee के दफ्तर से नाराज होकर बाहर निकली। उन्होंने कमेटी पर अपमानजनक सवाल पूछने का आरोप लगाया।
9 नवंबर: Ethics Committee ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की। कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया।
10 नवंबर: Ethics Committee ने लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट भेजी।
8 दिसंबर : Ethics Committee के चेयरमैन विजय सोनकर ने लोकसभा में रिपोर्ट पेश की। स्पीकर ने महुआ को निष्कासित किया।
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