Colonel Sophia Qureshi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी सोशल मीडिया सेंसेशन बनी हुई हैं। लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। वे भारतीय सेना में कब से हैं? प्रेस ब्रीफिंग में operation sindoor के बारे में सूचना देने के अलावा पाकिस्तानी आतंकियों को सबक सिखाने में उनकी क्या भूमिका रही और वह कैसे सेना में कर्नल के पद तक पहुंची लोगों के मन में उन्हें लेकर कई सवाल हैं। आइए इन सब सवालों के जवाब तलाशते हुए जानते हैं कर्नल सोफिया कुरैशी की उपलब्धियां...
कर्नल सोफिया कुरैशी सेना में कब भर्ती हुई थीं?
जानकारी के अनुसार कर्नल सोफिया कुरैशी साल 1999 में सेना में भर्ती हुई थीं। वे गुजरात, वडोदरा की रहने वाली हैं। 1997 में उन्होंने वडोदरा से बायोकैमिस्ट्री में मास्टर्स डिग्री ली है। 2015 में उनकी शादी ताजुद्दीन से हुई थी, जो झांसी में कर्नल के पद पर तैनात हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके दादा भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक थे। उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी सेना में इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर में तैनात थे, जो साल 1971 के युद्ध में भी शामिल रहे थे।क्या होती है ‘फोर्स 18’? जिसका नेतृत्व कर चुकी हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
बताया जा रहा है कि सोफिया ‘फोर्स 18’ को भी लीड कर चुकी हैं। आपको बता दें कि 'Force 18' आसियान प्लस देशों का एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास होता है। सोफिया इसका हिस्सा रह चुकी हैं और 2006 में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के तहत उन्हें कांगो में तैनात किया गया था। सूफिया वर्तमान में जम्मू में तैनात हैं, वे भारतीय सेना की सिग्नल कोर से ट्रेनिंग ले चुकी हैं। उन्हें तकनीक और संचार सेवाओं में महारथ हासिल है। ये भी पढ़ें: Operation Sindoor: भारत को मिला 6 देशों का वैश्विक समर्थन, जानें ब्रिटिश सांसद ऋषि सुनक ने क्या कहा?बिपिन रावत ने की थी तारीफ, कहा था- सोफिया में नेतृत्व के गुण
जानकारी के मुताबिक 2006 में ‘फोर्स 18’ में हिस्सा लेने वाले 18 देशों में से सोफिया एकमात्र महिला कमांडर थीं। उनकी इस उपलब्धि पर भारत के पहले रक्षा प्रमुख और पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि सोफिया का Exercise Force 18 में सिलेक्शन इसलिए हुआ था कि उनमें नेतृत्व के गुण हैं और वह सेना की जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा था कि सेना में हम समान अवसरों और जिम्मेदारियों में विश्वास करते हैं। सेना में पुरुष और महिला अधिकारियों के बीच कोई भेदभाव नहीं है।फोर्स 18 को क्या ट्रेनिंग दी जाती है?
फोर्स 18 अभ्यास में सैन्य कर्मियों को आतंकियों के कब्जे से किसी गांव या एरिया को कैसे मुक्त करवाया जाए। प्राकृतिक आपदा के समय लोगों की कैसे मदद की जाए ये ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा 18 देशों की सेना संयुक्त ऑपरेशन में एक-दूसरे की ताकत बढ़ाने के मकसद से प्रशिक्षण करती है। अलग-अलग देशों की सेनाएं एक-दूसरे से माइनिंग समेत अपनी अन्य सभी एडवांस तकनीकी साझा करती हैं। ये भी पढ़ें: एयर स्ट्र्राइक के बाद वाटर स्ट्राइक-2, जानें कैसे हैं पाकिस्तान की नदियों के ताजा हालात?---विज्ञापन---
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