Explainer : ED के समन को CM केजरीवाल ने किया स्किप, क्या अपराध के दायरे में आता है यह कदम?
CM Arvind Kejriwal skip ED summon : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक्साइज पॉलिसी से संबंधित मामले में बयान देने के लिए गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश नहीं होने का विकल्प चुना है। केजरीवाल ने ईडी को लिखित रूप से हुए अपने समन को वापस लेने का आग्रह किया और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। केजरीवाल ने कहा, उक्त समन में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि मुझे एक व्यक्ति के रूप में या दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में या आप के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर बुलाया जा रहा है।
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जांच एजेंसी अब क्या करेगी ?
ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नए सिरे से समन जारी करने की उम्मीद है। ईडी प्रोटोकॉल के मुताबिक, एक व्यक्ति तीन समन को नजरअंदाज कर सकता है। वहीं गैर-अनुपालन की स्थिति में एजेंसी के पास गैर-जमानती वारंट का अनुरोध करने का अधिकार है। एनबीडब्ल्यू(किसी को गिरफ्तार करने के लिए जारी गैर जमानती वारंट) की मांग है कि व्यक्ति को उचित समय पर अदालत के समक्ष उपस्थित होना होगा। यदि कोई व्यक्ति एनबीडब्ल्यू का पालन करने में विफल रहता है, तो परिणाम में गिरफ्तारी और बाद में अदालत के समक्ष पेश होने की संभावना शामिल होती है।
केजरीवाल के पास उपलब्ध विकल्प
ईडी द्वारा जारी समन का विरोध करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास कानूनी विकल्प मौजूद हैं। समन को चुनौती देने के लिए केजरीवाल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके अलावा उनके पास उसे अग्रिम जमानत मांगने का अधिकार है, एक कानूनी प्रावधान जहां कोई व्यक्ति अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों या आरोपों पर गिरफ्तारी की प्रत्याशा में जमानत मांगता है।
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