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Explainer: अनुच्छेद-370 हटने के बाद कितना बदल गया जम्मू-कश्मीर? एक नजर में देखें

Jammu-Kashmir after remove article 370 in 2019: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को संवैधानिक ठहराया है। 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदलाव आए हैं, आइए इस पर एक नजर डालते हैं।

Jammu-Kashmir after remove article 370 in 2019: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने वैध ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा। बता दें कि यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को स्पेशल राज्य का दर्जा प्रदान करता था। पिछले चार वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव आए हैं। आइए, हम इस पर एक नजर डालते हैं।

2019 के बाद क्या बदलाव आए?

अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही अनुच्छेद 35ए भी समाप्त हो गया था, जो राज्य के 'स्थायी निवासियों' को परिभाषित करता है और उन्हें विशेष अधिकार प्रदान करता है। इसने अन्य भारतीय राज्यों के निवासियों को जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने और बेचने से रोक दिया था। 2019 में अनुच्छेद 370, 35ए समाप्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर का कोई अलग झंडा, संविधान या राष्ट्रगान नहीं है। तत्कालीन राज्य के निवासियों ने अपनी दोहरी नागरिकता खो दी और तब से उनके पास केवल भारत की नागरिकता है। यह भी पढ़ें- CJI ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर लगाई मुहर, पढ़ें 10 Points में SC का फैसला

डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए पात्र

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के आदेश के तहत, कोई भी व्यक्ति जो 15 साल तक जम्मू-कश्मीर में रहा है, या सात साल तक पढ़ाई की है और यूटी में स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में कक्षा 10वीं/12वीं की परीक्षा दी है, वह डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए पात्र है। वहीं, नवंबर 2019 में अभियोजन विंग(prosecution wing) को जम्मू-कश्मीर में एग्जीक्यूटिव पुलिस से अलग कर दिया गया था।

सुरक्षा बढ़ी

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय उग्रवाद समाप्त हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है। सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 2019 के अंत में 250 से घटकर 2022 के अंत तक 100 के आसपास हो गई। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जहां अनुच्छेद 370 को खत्म करने से पहले तीन वर्षों में 930 उग्रवाद की घटनाएं सामने आईं, वहीं तीन वर्षों में केवल 617 ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं।

2023 का जम्मू-कश्मीर

साल 2019 के बाद अब जम्मू-कश्मीर कैडर नहीं है, जैसा कि 2019 में जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित किया गया था। वहीं जम्मू-कश्मीर में पर्यटन की बात की जाए तो यहां लाखों की संख्या में टूरिस्ट पहुंचते हैं। हाल ही में पर्यटन के साथ-साथ निवेश में भी उछाल देखा गया है।


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