Who Is Sam Manekshaw Whose Role Played By Vicky Kaushal: बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल की अपकमिंग फिल्म सैम बहादुर (Sam Bahadur) का ट्रेलर रिलीज होते ही सुर्खियों में आ गया है। विक्की कौशल ने अपने इंस्टाग्राम पर ट्रेलर को शेयर किया। साथ ही उन्होंने बेहद शानदार कैप्शन भी लिखा है कि भारतीय सेना, देश और देशवासियों के लिए भारत के महानतम सैनिक सैम मानेकशॉ के जीवन की झलक प्रस्तुत करते हैं। विक्की कौशल खुद सैम मानेकशॉ का किरदार निभा रहे हैं। विक्की कौशल के अलावा इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म एक दिसंबर 2023 को रिलीज होगी। इन सभी के बीच आइए सैम मानेकशॉ के बारे में जानते हैं, जिनके किरदार में विक्की कौशल को काफी पसंद किया जा रहा है...
पंजाब में जन्मे, भारतीय सेना के अध्यक्ष भी बने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सैम मानेकशॉ पंजाब के अमृतसर में एक पारसी परिवार में 3 अप्रैल 1914 को जन्मे थे। उनका पूरा नाम सैम होरमूजजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ था, लेकिन इस नाम से उन्हें बहुत कम लोग बुलाते थे। सैम ने शुरुआती पढ़ाई अमृतसर में की। शेरवुड कॉलेज में भी पढ़े। वे देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी के पहले बैच के स्टूडेंट थे। 4 फरवरी 1934 को सैम 12 FF राइफल्स में कमीशन हुए थे। इसके बाद सेना में विभिन्न पदों पर रहते हुए सैम भारतीय सेना के अध्यक्ष भी बने। सैम देश के पहले फील्ड मार्शल थे और 1973 में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराने और पाकिस्तान को बांट कर नया देश बांग्लादेश बनाने का क्रेडिट सैम को ही जाता है। सैम का आर्मी करियर करीब 4 दशक का रहा। उन्होंने 5 युद्धों में हस्सा लिया। सैम भारतीय सेना के पहले 5 स्टार जनरल भी थे।
डॉक्टर बनना था, लेकिन आर्मी जॉइन कर ली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सैम डॉक्टर बनना चाहते थे। वे लंदन जाकर पढ़ाई करके मेडिकल रिसर्च करना चाहते थे, लेकिन पिता ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया, क्योंकि उनके 2 भाई पहले से ही विदेश में इंजीनियरिंग कर रहे थे, इसलिए पिता ने छोटे हो, कहकर उन्हें विदेश जाने से रोक दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने आर्मी जॉइन कर ली। सैम से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर हुआ था। साल 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ से मुलाकात की थी। उन्होंने सैम से पाकिस्तान से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा, लेकिन इसके जवाब में सैम मानेकशॉ ने कहा, ‘आई एम ऑलवेज रेडी, स्वीटी’, लेकिन सेना के जवान इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। मौसमी परिस्थितियां भी अनुकूल नहीं थीं। इसलिए उन्होंने इंदिरा गांधी से 6 महीने का समय मांगा। इसके बाद जब युद्ध हुआ तो पाकिस्तान की करारी हार हुई और दुनिया को नया देश बांग्लादेश मिला।
1972 में सैम को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1973 में वह सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए। रिटारयमेंट के बाद वह तमिलनाडु के वेलिंग्टन चले गए, जहां वर्ष 2008 में उनका निधन हो गया था। सैम अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे।