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Vinod Khanna: विलेन से एक्टर और फिर संन्यासी बने विनोद खन्ना, किसी फिल्म से कम नहीं एक्टर की कहानी

Vinod Khanna: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना (vinod khanna) हिंदी सिनेमा में एक बड़ा नाम थे। विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में हुआ था। उनका परिवार साल 1947 में हुए विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था। विनोद खन्ना ने मुंबई से ग्रेजुएशन किया। विनोद खन्ना दिखने में […]

Edited By : Nancy Tomar | Updated: May 4, 2023 14:10
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Vinod Khanna

Vinod Khanna: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना (vinod khanna) हिंदी सिनेमा में एक बड़ा नाम थे। विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में हुआ था।

उनका परिवार साल 1947 में हुए विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था। विनोद खन्ना ने मुंबई से ग्रेजुएशन किया। विनोद खन्ना दिखने में काफी हैंडसम थे तो उन्होंने फिल्मों में काम करने का सोचा और बॉलीवुड में कदम रख दिया।

विनोद खन्ना की जिंदगी में आए काफी उतार-चढ़ाव

एक्टर ने अपने सफर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी थी, जिसे लोग आज भी देखना पसंद करते है लेकिन उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव थे, जिससे वो परेशान रहते थे। वहीं आज हम आपको बताएंगे उनकी जिंदगी की कुछ अनकही दास्तान के बारे में। विनोद खन्ना जब अपने करियर की ऊच्चाइयों को छू रहे थे तब उनको पता चल था कि उनको ब्लड कैंसर है।

एक्टर की हुई सर्जरी

रिपोर्ट के मुताबिक, जब वो इस बीमारी से जूझ रहे थे तभी उनकी बेटी की परीक्षा चल रही थी, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में किसी को नहीं बताया। इस बीमारी के लिए वो 6 साल जर्मनी में रहे, जहां उनकी सर्जरी भी हुई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

करियर छोड़ संन्यासी बनने का फैसला किया

कहा जाता है कि, वो आखिरी समय में पाकिस्तान के पेशावर के अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते थे, लेकिन ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई। विनोद खन्ना ने जब अपने सफल करियर को छोड़कर संन्यासी बनने का फैसला किया तो हर कोई हैरान रह गया था। हैंडसम हीरो के पास दौलत, शोहरत और परिवार सबकुछ था लेकिन मन में बेचैनी थी खुद को जानने की जिसकी वजह से वो काफी परेशान रहने लगे थे।

बॉलीवुड को बड़ा झटका

एक समय ऐसा आया जब उनकी मुलाकात साल 1975 में ओशो यानी आचार्य ‘रजनीश’ (Rajnish) से मुलाकात हुई। ओशो से विनोद खन्ना इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 1982 में फिल्मी सफर छोड़ने का ऐलान किया। इस ऐलान से बॉलीवुड सिनेमा को बड़ा झटका लगा था।

प्रोजेक्ट को अधूरे छोड़ कर चले गए विनोद

इस दौरान वो जितने भी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे सब अधूरे छोड़ कर ही चले गए थे। दरअसल उस समय विनोद खन्ना ‘शत्रुता’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे लेकिन वो शूटिंग छोड़कर ही रजनीश के आश्रम में चले गए, जहां वो संन्यासी बन गए।

ओशो के साथ गए अमेरिका 

खबरों के मुताबिक ये कहा जाता है कि, ओशो के साथ वो अमेरिका भी गए थे, जहां वो आश्रम में माली से लेकर टॉयलेट साफ करने का काम करते थे। इसके बाद उनकी जिंदगी में फिर मोड़ आया वो सन 1986 में वापस आए और फिर उन्होंने महेश भट्ट के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘शत्रुता’ को पूरा किया, लेकिन ये फिल्म किसी वजह से रिलीज नहीं हो पाई।

एक से बढ़कर एक फिल्में

विदेश से आने के बाद उनका करियर ज्यादा नहीं चला और 27 अप्रैल 2017 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके चले जाने से हिंदी सिनेमा को बड़ा झटका लगा था। वहीं विनोद खन्ना के करियर की बात करें तो उन्होंने अपनी जिंदगी में एक से बढ़कर एक फिल्में दी है।

फिल्म ‘मन का मीत’ में पहली बार किया काम

साल 1968 में आई सुनील दत्त की फिल्म ‘मन का मीत’ में पहली बार उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में वो खलनायक की भूमिका में दिखाई दिए। इसके बाद वो ‘आन मिलो सजना’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’, मेरा गांव मेरा देश’ और ‘मस्ताना’ जैसी फिल्मों में नजर आए, जिसमें उन्होंने विलेन का किरदार निभाया।

एक्टर की यादों को कभी भुलाया नहीं जा सकता

विलेन के बाद वो 1971 में आई फिल्म ‘हम तुम और वो’ में बतौर एक्टर नजर आए, जिसमें उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया। 1971 के बाद उन्होंने मैं तुलसी तेरे आंगन की, ल यात्रा, ताकत, दौलत, हेरा-फेरी,अमर अकबर अन्थोनी, द बर्निंग ट्रैन, खून-पसीना मूवी में नजर आए, जिसके बाद उनका नाम बड़े-बड़े एक्टर की लिस्ट में शामिल हो गया। वो आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी यादों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

First published on: May 04, 2023 02:10 PM

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