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Tanvi: The Great Review: पॉजिटिविटी से भर देगी Anupam Kher की फिल्म, क्लाइमैक्स में मिलेगा सरप्राइज

Tanvi: The Great Review: अनुपम खेर की फिल्म 'तन्वी द ग्रेट' 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। बस कुछ घंटे बाकी रह गए हैं। फिल्म को देखने से पहले एक बार रिव्यू पर डालें नजर...

तन्वी द ग्रेट का रिव्यू। Photo Credit- Social Media
Tanvi: The Great Review: (अश्विनी कुमार) 'ओम जय जगदीश' के रिलीज होने के 22 साल के बाद अनुपम खेर ने जब डायरेक्शन में उतरने का फैसला किया तो उन्होंने इस बार कहानी भी लिखी, एक्टिंग भी की, फिल्म को प्रोड्यूस भी किया और डायरेक्शन की जिम्मेदारी तो ले ही ली। 'तन्वी द ग्रेट' को लेकर अनुपम खेर कान्स गए, न्यूयॉर्क फिल्म फेस्टिवल गए, अपने दोस्त और दुनिया के सबसे दिग्गज एक्टर्स में से एक रॉबर्ट डी नीरो के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग रखी। दिल्ली-मुंबई में दोस्तों के लिए कई स्क्रीनिंग रखी। अनुपम खेर का 'तन्वी द' ग्रेट पर भरोसा कितना खरा उतरा? तो फिर यही कहना है- तन्वी तुम ग्रेट हो... अपनी सच्चाई के लिए, अपने हौसले के लिए... Yes, you're different, but no less...

तन्वी द ग्रेट कर देगी इमोशनल

अनुपम खेर ने 'तन्वी द ग्रेट' में रुला दिया है। बहुत कम होता है कि कोई फिल्म, कोई किरदार, कोई कहानी आप पर इतना असर कर दे कि आप रो दें। ऑटिज्म को बीमारी जानने वालों के लिए ये फिल्म और इसकी कहानी आई ओपनर है। समझ में आता है कि इन्हें आप स्पेशल क्यों कहते हैं। सितारे जमीं पर- स्पेशल बच्चों को, जो ऑटिस्टिक या डिस्लेक्सिक हैं, उन्हें कम ना समझने के लिए कहती है। बराबरी से ट्रीट करने के लिए कहती है। तन्वी द ग्रेट, अपनी कहानी और मैसेज में बताती है कि ये ऑटिस्टिक बच्चे वो देख सकते हैं, वो महसूस कर सकते हैं और वो हासिल कर सकते हैं, जो आप और हम सोच भी नहीं सकते। ये कहानी स्पेशल बच्चों को समझने में हमारी और मदद करेगी।

क्लाइमैक्स में अनुपम खेर ने दिया सरप्राइज

तन्वी की कहानी इसलिए शायद और गहरा असर करती है क्योंकि इसे किसी राइटर ने सुपरहिट, ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने के लिए नहीं लिखी है, बल्कि अपनी Niece तन्वी से इंस्पायर होकर अनुपम खेर ने खुद लिखी है। क्लाइमैक्स में सिल्वर स्क्रीन की तन्वी और अनुपम खेर की स्पेशल Niece तन्वी, दोनों तन्वी से मिलकर आपका दिल खुश हो जाता है और आंख नम हो जाती है। इस सीक्वेंस को डायरेक्टर अनुपम खेर ने ऐसे बुना है, कि वो फिल्म के क्लाइमैक्स के बाद और बेहतर क्लाइमैक्स हो जाता है। एम. एम. कीरवानी का म्यूजिक तन्वी के असर को और बढ़ा देता है।

VFX थोड़ा और हो सकता था बेहतर

आप इस कहानी में पूछ सकते हैं कि SSB का रिटेन एग्जाम, फिजिकल और इंटरव्यू एक दिन में ही कैसे हो सकता है... या फिर इंडियन आर्मी तन्वी के लिए इतने आगे कैसे जा सकती है... तो जवाब है कि जब कहानी सीधे दिल तक पहुंच रही हो, तो दिमाग को एक्स यूज करने की जरूरत नहीं.. क्योंकि तन्वी द ग्रेट- एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी फिल्म है। सियाचिन के VFX वाला सीक्वेंस और बेहतर हो सकता था, लेकिन फिल्म के इमोशन्स में आप इतना बह जाते हैं कि जब तक कोई एक्सपर्ट आपको बताएगा नहीं, आपका ध्यान इस पर नहीं जाएगा।

फिल्म की जान हैं शुभांगी दत्त

इस फिल्म की असली जान शुभांगी दत्त हैं। अनुपम खेर की ही फिल्म एक्टर्स प्रिपेयर की स्टूडेंट शुभांगी की ये पहली फिल्म है। और एक फ्रेश चेहरे को इस किरदार में कास्ट करने का फैसला ही इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। आप को लगता है कि आप स्क्रीन पर तन्वी को देख रहे हैं। शुभांगी के लिए सबसे दमदार किरदार लिखना और फिर उसे डायरेक्ट करना सबूत है कि अनुपम खेर कितने Secured - Actor - Director हैं।

पॉजिटिविटी से भरे देगी फिल्म

इस फिल्म में अनुपम खेर ने रिटायर्ड कर्नल प्रताप रैना के किरदार को बेहद शानदार तरीके से निभाया है। अरविंद स्वामी, बोमन ईरानी और पल्लवी जोशी ने कमाल का काम किया है। जैकी श्रॉफ अपने जग्गू दादा ने 'तन्वी द ग्रेट' में टाइगर का कोड नेम लिया है.. और उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। करण टैकर ने भी अच्छा काम किया है। 'तन्वी द ग्रेट' इंस्पायरिंग है, जो एक थेरेपी सेशन की तरह आपके दिल और दिमाग को पॉजिटिविटी से भर देती है।


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