सुभाष घई ने दिया रिएक्शन
सुभाष घई ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बॉलीवुड के हालातों को लेकर एक पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने साफ तौर से कहा कि बॉलीवुड आज ब्लीड कर रहा है। उनका मानना है कि इसका मेन कारण सिनेमाघरों में फिल्म देखने का खर्चीला होना है। सुभाष घई ने कहा, 'आजकल लोग थिएटर में जाकर फिल्म देखने से कतराते हैं क्योंकि फिल्में बहुत महंगी हो गई हैं। इससे फिल्म प्रेमियों का सिनेमाघरों से जुड़ाव खत्म हो गया है और इस कारण फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो रहा है।'
फिल्ममेकर ने दिया सुझाव
इस मामले को लेकर सुभाष घई ने इसका सॉल्यूशन भी दिया। उनका कहना है कि बॉलीवुड और राज्य सरकारों को मिलकर एक ऐसा योजना बनानी चाहिए, जिसमें सिनेमाघरों के टिकटों का 30% हिस्सा किफायती दाम पर उपलब्ध हो। उन्होंने उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु की राज्य सरकार की योजना का जिक्र किया, जहां सस्ते टिकटों के जरिए ज्यादा लोगों को सिनेमाघरों में लाने की कोशिश की गई। घई ने ये सवाल उठाया कि क्या अब इस पर विचार किया जाएगा।
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सुभाष घई ने दिया लेखन पर जोर
इसके अलावा सुभाष घई ने लेखकों और निर्देशकों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, 'लेखक और निर्देशक ही फिल्म के वास्तुकार होते हैं, जबकि बाकी लोग सिर्फ शिल्पकार होते हैं। ये तकनीकी शिल्प नहीं बल्कि रचनात्मक शिल्प है, जो फिल्म को असली रूप में जीवित करता है।'
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अनुराग कश्यप का बॉलीवुड से मोहभंग
सुभाष घई की बातों से पहले बॉलीवुड के निर्देशक अनुराग कश्यप ने अपनी बात शेयर की थी। उन्होंने कहा था, 'मैं मुंबई छोड़ चुका हूं। फिल्म इंडस्ट्री अब बहुत ही टॉक्सिक हो गई है। यहां हर कोई सिर्फ बड़ी कमाई की तरफ भाग रहा है, जैसे 500 करोड़ या 800 करोड़ की फिल्म बनानी हो। अनुराग कश्यप ने अपनी इस परेशानी का कारण फिल्म उद्योग के बदलते हालात को बताया, जहां सिर्फ बिजनेस प्वाइंट ऑफ व्यू को ही तरजीह दी जा रही है।
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