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Satyajit Ray के साथ काम कर चुके मशहूर सिंगर का निधन, राजनीति से भी रहा नाता

Singer Anup Ghosal passes away: आजकल ऐसा लग रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री को किसी की नजर लग गई हैं। आए दिन किसी ना किसी के निधन की खबर आ जाती है।

munawwar rana passed away
Singer Anup Ghosal passes away: फिल्म इंडस्ट्री से एक बार फिर दुखद खबर आ रही है। मशहूर बंगाली सिंगर और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक अनूप घोषाल का आज यानी शुक्रवार को निधन हो गया है। अनूप घोषाल ने 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। अनूप घोषाल के निधन से हर कोई बेहद दुखी है। साथ ही फैंस में भी शोक की लहर है। सभी अनूप घोषाल की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। अनूप घोषाल का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। यह भी पढ़ें- ऐश्वर्या ने घर छोड़ा या तोड़ा? जैसी खबरों के बीच बच्चन परिवार ने ये ‘बम’ फोड़ा

उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे अनूप घोषाल

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनूप घोषाल बीते कई दिनों से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दोपहर 1.40 बजे कई अंगों के फेल होने की वजह से उनका निधन हो गया। बता दें कि मशहूर सिंगर अनूप घोषाल ने सत्यजीत रे की 'गुपी गायेन, बाघा बायन' (1969) और 'हीरक राजार देशे' (1980) में अपनी आवाज दी है। [caption id="attachment_492172" align="alignnone" ] google[/caption]

ममता बनर्जी ने अनूप के निधन पर किया शोक जाहिर

अनूप घोषाल के निधन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मैं बंगाली, हिंदी और अन्य भाषाओं में गाने वाले अनूप घोषाल के निधन पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करती हूं। बता दें कि उस्ताद घोषाल के करियर की शुरुआत महज चार साल की उम्र में शुरू हुई थी। उनका पालन-पोषण उनकी मां लावण्या घोषाल ने किया था और बाद में जब वह सिर्फ 19 साल के थे, तब उन्होंने सत्यजीत रे का ध्यान आकर्षित किया।

राजनीति में भी रखा कदम

इसके साथ ही अनूप ने अपनी संगीत उपलब्धियों के अलावा राजनीति में भी कदम रखा। उन्होंने साल 2011 के विधानसभा चुनाव में उत्तरपाड़ा सीट से जीत हासिल की। हालांकि, उनका राजनीतिक कार्यकाल अल्पकालिक था, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें बाद के चुनावों के लिए मैदान में नहीं उतारा। हालांकि उनके योगदान को मान्यता देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें 2011 में 'नजरुल स्मृति पुरस्कार' और 2013 में 'संगीत महासम्मान' से सम्मानित किया।


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