Saif Ali Khan Attack Case: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। 16 जनवरी को उन पर चाकू से हमला करने वाले आरोपी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसकी पहचान बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर के तौर पर हुई। हालांकि CCTV में दिखने वाला शख्स वाकई शरीफुल इस्लाम है? इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। सच का पता लगाने के लिए पुलिस अब फेशियल रिकग्निशन टेस्ट (FRT) करने जा रही है।
पिता ने क्या किया दावा?
जाहिर है कि सैफ अली खान पर हमले के बाद जब आरोपी उनके घर से भागा था तो उसका चेहरा CCTV में कैद हो गया था। पुलिस ने उसी के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया। पुलिस ने शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया। मामले ने तूल तब पकड़ा जब शरीफुल इस्लाम के पिता ने दावा किया कि CCTV में दिखाई देने वाला शख्स उनका बेटा शरीफुल इस्लाम नहीं है।
शरीफुल इस्लाम के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को कुछ समानताओं के आधार पर गिरफ्तार करते हुए इस मामले में फंसाया गया है। अब सच्चाई का पता लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने आरोपी का फेशियल रिकग्निशन टेस्ट (FRT) कराने का फैसला लिया है। इस टेस्ट की मदद से पता चल जाएगा कि CCTV में दिखने वाला शख्स वाकई शरीफुल इस्लाम है या नहीं।
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FRT टेस्ट कराएगी पुलिस
पुलिस की तरफ से पेश सरकारी वकील के एस पाटिल और प्रसाद जोशी ने कोर्ट से कहा है कि पकड़े गए आरोपी शरीफुल इस्लाम के चेहरे की पहचान का पुष्टि करना जरूरी है जिससे पता चल सके कि क्या ये वही व्यक्ति है, जो सैफ अली खान की बिल्डिंग के CCTV फुटेज में देखा गया था?
क्या होता है FRT टेस्ट?
बता दें कि फेशियल रिकग्निशन टेस्ट के जरिए किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताएं आंख, नाक और होंठ की तुलना मौजूद छवियों से की जाती है। इसे एक तरह की बायोमीट्रिक तकनीक कहा जा सकता है। इस तकनीक के जरिए चेहरा पहचानने, चेहरे को मिलाने और चेहरा ट्रैकिंग करने में मदद मिलती है। इसके अलावा व्यक्ति की बायीं और दायीं आंख, आंख और नाक, आंख और माथे के बीच में कितनी दूरी है इसकी पहचान की जाती है। जब दो अलग तस्वीरों में एक व्यक्ति है या नहीं इसका पता लगाना होता है तब FRT टेस्ट की हेल्प ली जाती है।