फिल्मों की वजह से समाज में हो रही हिंसा
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कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने सदन में फिल्म को लेकर तीन मुद्दे उठाए हैं। रंजीत रंजन ने इस फिल्म में हो रही हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘सिनेमा समाज का आईना कहा जाता है। हमलोग सिनेमा देखकर बड़े हुए हैं। लेकिन आजकल कुछ ऐसी फिल्में आ रही हैं, जिनमें बहुत हिंसा दिखाई जा रही है। अभी एक फिल्म आई है एनिमल। मैं आपको कह नहीं पाऊंगी कि मेरी बेटी के साथ बहुत सारी बच्चियां कॉलेज में पढ़ती हैं। लेकिन वो आधी पिक्चर में ही उठकर रोती हुई हॉल से बाहर चली आईं। कबीर सिंह और एनिमल में जिस तरीके से हीरो अपनी बीवी के साथ व्यवहार करता है, ऐसे बहुत से उदाहरण देखने को मिलेंगे। 11वीं और 12वीं के बच्चे इस तरह की फिल्मों को अपना आदर्श मानने लगे हैं। यही वजह है कि समाज में हिंसा देखने को मिल रही है।’
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धार्मिक भावनाएं हुईं आहत
रंजीत रंजन ने इस फिल्म का गाना अर्जुन वेल्ली पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘उच्च कोटि का इतिहास है पंजाब का, हरि सिंह नलवा का। उसमें एक गाना है कि ‘अर्जुन वेल्ली ने गंडासी मारी’ ये इतिहास को एक गैंगवॉर में, दो परिवारों की नफरत की लड़ाई में, जिसका बेटा अपने बाप के प्यार के लिए सरेआम हिंसा करता दिख रहा है और कोई भी कानून उसे रोकता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जहां तक गाने का सवाल है, हरि सिंह नलवा कमांडर इन चीफ थे। उन्होंने मुगलों-अंग्रेजों के खिलाफ उनकी बढ़ती हुई सत्ता को रोकने के लिए लड़ाई लड़ी थी। उनका बेटा था अर्जुन सिंह नलवा। उन्होंने कई मुसलमानों को 1947 में बचाने का काम किया था। इस उच्च कोटि के इतिहास से जुड़े गाने को बैकग्राउंड में गैंगवार के साथ दिखा रहे हैं। इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।’
सेंसर बोर्ड पर भी उठाए सवाल
रंजीत रंजन ने सेंसर बोर्ड पर भी सवाल उठाए। राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा ‘इस तरह की हिंसात्मक फिल्मों को आखिरकार सेंसर बोर्ड से हरी झंडी कैसे मिल जाती है, बोर्ड कैसे उन्हें पास कर देता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एनिमल फिल्म ही नहीं बल्कि ऐसी कई फिल्में हैं जिनमें हिंसा और महिलाओं के प्रति क्रूरता को दर्शाया गया है।’