Prime Video Movie Kuberaa Anyalsis Beggar Become Millionaire: हिंदी, तेलुगू और तमिल में गत 21 जून को रिलीज हुई फिल्म धनुष और नागार्जुन स्टारर 'कुबेर' की कहानी बेहद यूनिक है। भिखारियों को करोड़पति बनाकर जान से मारने की कहानी है कुबेर। चार भिखारियों को करोड़पति बनाने का मकसद भी सीबीआई अधिकारी के दिमाग की उपज है। धनुष ने भिखारी का किरदार जबरदस्त प्ले किया, सीबीआई अधिकारी के रूप में नागार्जुन और जिम सरभ विलेन के रूप में अच्छे दिखे। रश्मिका के रोमांटिक ट्रैक की कमी थी, लेकिन कहानी में उसके किरदार को अच्छा पिरोया हुआ लगता है। ‘कुबेर’ में आपको फुल-ऑन सिनेमाई तज़ुर्बा देखने को मिलने वाला है।
क्या है कुबेर की कहानी की थीम
कुबेर की कहानी का थीम बंगाल की खाड़ी में कच्चे तेल की खोज से जुड़ा है तो रातों रात बिजनेसमैन जिम सरभ दिल्ली जाकर मंत्री से सैटिंग कर लेते हैं। एक लाख करोड़ की रिश्वत देने की बात तय होती है। रिश्वत के पैसे को कैसे मंत्रियों तक पहुंचाया जाए तो इसके लिए उस सीबीआई अधिकारी नार्गाजुन को बुलाने की बात होती है जो सरकारी सिस्टम के फैले भ्रष्टाचार के चलते जेल में सजा काट रहा है। जिम सरब जेल से नार्गाजुन को रिहा करवा कर अपने साथ काम करने को मजबूर करता है और उन्हें एक लाख करोड़ रुपये की रिश्वत आधे सफेद और आधी ब्लैकमनी के रूप में मंत्रियों को पहुंचाने का काम देता है।
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भिखारी कैसे बनेगा 10 हजार करोड़ का मालिक
सीबीआई अधिकारी नार्गाजुन प्लान नाते हैं कि अलग-अलग जगह के भिखारियों को लाकर ट्रेनिंग दी जाए और उनके नाम पर बेनामी कंपनियां खोलकर उसमें करोड़ों की ट्रांजेक्शन दिखा दी जाए। प्लान आगे बढ़ता है और नागार्जुन समेत चार भिखारी जुटाए जाते हैं और उनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाती है। नागार्जुन एक बात से अनजान होता है कि जिम सरभ की योजना पैसे ट्रांसफर कराते ही भिखारी को जान से मारने की होती है। योजना आगे बढ़ती है और भिखारियों के नाम पर बेनामी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। भिखारी मारे जाने लगते हैं, लेकिन धनुष बच जाता है। इसी दौरान रेलवे स्टेशन पर उसकी मुलाकात रश्मिका मंदाना से होती है और कहानी आगे बढ़ती है।
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कुबेरा की समीक्षा
कुबेर अति-धनवान और अत्यंत गरीब लोगों के बीच के संघर्ष को दर्शाती है। नागार्जुन और धनुष अपनी भूमिकाओं में पूरी तरह फिट बैठते हैं। पहले नागार्जुन की बात की जाए तो उन्होंने अपने किरदार को अद्भुत संयम के साथ निभाया है। उनके अभिनय की हर बात सटीक है। वहीं, धनुष की बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं है। उन्होंने एक भिखारी के किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया है। वे किरदार को इतनी गहराई से जीते हैं कि मानो यह उनका स्वभाव ही बन गया हो। रश्मिका मंदाना दूसरे भाग में काफ़ी समय तक स्क्रीन पर दिखाई देती हैं। रोमांटिक ट्रैक न होने की वजह से उनके लिए कुछ खास नहीं है।
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कुबेरा को क्यों देखें
नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर धनुष ने 12 साल पहले आई फिल्म रांझणा में कुंदन के रोल में कमाल कर दिखाया था, अब एक बार फिर स्क्रीन पर उन्होंने वो ही जादू दोबारा बिखेरा है। धनुष की एक्टिंग देखक हर किसी के मुंह से बस एक ही बात निकल रही है और वो है- ‘भाई, ये तो करियर बेस्ट है! इमोशनल कहानियों के लिए जाने जाते शेखर कम्मुला इस बार नया सिनेमैटिक वर्जन लेकर आए हैं। ‘कुबेर’ में पॉलिटिक्स, थ्रिल, ड्रामा और मिस्ट्री का मिश्रण आपको देखने को मिल रहा है, जो अपने आप में शानदार है। रश्मिका मंदाना एक अलग ही इंटेंस और दमदार रोल में नजर आई हैं।
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