9 वर्ष बाद दिल्ली के किसी कलाकार को मिला नेशनल अवॉर्ड
परिवार द्वारा धोखा देने के बावजूद 'मिमी' बच्चे को जन्म देने और उसे पालने के लिए समाज के तानों की भी परवाह नहीं करती है। महिला प्रधान इस फिल्म में कृति सेनन ने लीड रोल निभाया है। मानवीय रिश्तों के लिहाज से यह बेहद उम्दा फिल्म है। यहां पर यह बता दें कि कृति सेनन दिल्ली-एनसीआर से जुड़ी ऐसी दूसरी फिल्मी कलाकार हैं, जिन्होंने 9 वर्ष बाद हिंदी फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड हासिल किया है।राजकुमार शाहिद के जीत चुके हैं नेशनल अवॉर्ड
इससे पहले वर्ष 2014 में गुरुग्राम के रहने वाले और दिल्ली के श्रीराम सेंटर से अभिनय का प्रशिक्षण लेने वाले एक्टर राजकुमार राव (Bollywood Actor) को ‘शाहिद’ फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। हंसल मेहता के निर्देशन में बनी ‘शाहिद’ में राजकुमार राव ने भी बोल्ड भूमिका निभाई थी, जिसमें वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता बने थे, जिसकी कानून के रखवाले ही हत्या कर देते हैं। गौरतलब है कि बेकसूर शाहिद की हत्या 2010 में हुई थी और इसी घटना पर हंसल मेहता ने एक सफल फिल्म बनाई। निर्देशक हंसल मेहता की यह फिल्म 'शाहिद' 2012 में रिलीज हुई थी। फिल्म के लिए जहां हंसल मेहता को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला तो वहीं, शाहिद फिल्म के लिए ही एक्टर राजकुमार राव को राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया। इस लिहाज से राजकुमार राव और कृति सेनन दिल्ली-एनसीआर के ऐसे 2 कलाकार हैं जिन्होंने नौ साल के दौरान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में अभिनय के लिए राष्ट्रीय अवॉर्ड जीता।राजकुमार राव व कृति का एक कॉलेज से है खास रिश्ता
राजकुमार राव और कृति सेनन ने ‘बरेली की बर्फी’ समेत कुछ फिल्मों में साथ काम किया है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि दोनों का एक खास रिश्ता भी है। दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय के जिस कॉलेज में कृति सेनन की मां गीता सेनन पढ़ाती थीं, उसी कॉलेज (आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज) में राजकुमार ने भी पढ़ाई की है।दोनों की कॉलेज में कभी नहीं हुई मुलाकात
गीता सेनन एआरएसडी कॉलेज के भौतिकी विभाग में 'एसोसिएट प्रोफेसर' के रूप में कार्यरत रही हैं। यहां तक कि कई बार कृति सेनन अपनी मां गीता सेनन के साथ एआरएसडी कॉलेज भी आ चुकी हैं, लेकिन राजकुमार और कृति सेनन के बीच कभी कॉलेज में आमना-सामना हुआ भी होगा या नहीं? यह दोनों ही नहीं बता सकते हैं। बता दें कि 'मिमी' फिल्म में कृति ने एक सेरोगेट मदर की भूमिका निभाई है, जिसमें परिवार बच्चे को अपनाने से इनकार कर देता है। इस फिल्म में कृति ने उम्दा अभिनय किया और एक मां की भावनाओं की भावनाओं का उम्दा प्रदर्शन किया। अच्छी बात यह है कि बेहत कम बजट में बिना लीड हीरो के बनी इस फिल्म में कृति उस महिला की भावना को दर्शाया है, जो स्वार्थवश सरोगेट मां बनने के लिए तैयार हो जाती है। वहीं, जब परिवार बच्चे को अपनाने से इन्कार करता है, मिमी खुद इस बच्चे को पालने का जोखिम उठाती है। इस फिल्म में सरोगेट मदर की भूमिका निभाने के साथ उसके साथ पूरा न्याय करने के लिए अपना वजन भी बढाया था।---विज्ञापन---