8०-90 के दशक के ‘पोस्टर बॉयज’, डिजिटल क्रांति के बाद क्या है उनकी स्थिति?
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Cinema Posters Hand Painting Painters: जब भी फिल्मों के प्रमोशन की बात की जाती है तो ट्रेलर और पोस्टर का बड़ा अहम योगदान हो जाता है। कहा जाता है कि फिल्मों की सफलता का एक बड़ा श्रेय पोस्टर्स को जाता है। आज का समय तो ऐसा है जब फिल्मों के पोस्टर्स को बढ़िया तरीके से एडिट करते और उसमें कई तरह की कलाकारी करके और एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए उनको रिलीज किया जाता है। लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब फिल्मों के पोस्टर हाथ से बनाए जाते थे और तब उनका प्रमोशन किया जाता थी। उन पोस्टर्स को बहुत सहेज कर रखा जाता था। लेकिन इंटरनेट और डिजिटल क्रांति के इस दौर में लंबी-लंबी सीढ़ियों पर चढ़कर लार्जर देन लाइफ वाले पोस्टर बनाने वाले पोस्टर बॉयज अब गायब हो चुके हैं।
बहुत खास होता था पोस्टर मेकिंग
ये वही पोस्टर बॉयज हैं जो एक जमाने में राजेश खन्ना और हेमा मालिनी की फिल्मों के लिए खूबसूरत सुंदर पोस्टर बनाया करते थे। इनमें से ज्यादातर पोस्टर बॉयज वह होते थे जिन्होंने जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स जैसे कॉलेज से पढ़े होते थे। वहीं कुछ लोग वह भी होते थे जो सिर्फ पैसे कमाने के उद्देश्य से पेंटिंग करते थे। 80-90 के दशक में फिल्मों के पोस्टर बनाना मार्केटिंग के लिए बहुत खास होता था। थिएटर में फिल्म रिलीज होने के तीन से चार दिन पहले इनको लगाया जाता था। इसके अलावा शहर की दीवारों और खंभों पर भी इनको लगाया जाता था।
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कई कलाकारों का हो गया निधन
एक जमाने में दिवाकर करकरे जैसे आर्टिस्ट पोस्टर्स के लिए करीब 50 हजार तक लेते थे। लेकिन साइज के हिसाब से पेंटर्स को पैसे दिए जाते थे। इन पेंटर्स में से कई ऐसे भी लोग थे, जो नौ या 10 साल की उम्र से इस काम की शुरुआत करते थे, जिन्हें दिन की मजदूरी दी जाती थी। हालांकि अपनी कला को जीवंत रखने वाले लोग अब दुनिया में कम ही बचे हैं। बहुत लोगों का निधन हो गया है तो वहीं कई लोगों ने कॉपी पेस्ट का काम न करके इस दुनिया से दूर होने का फैसला कर लिया।
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सोशल मीडिया का पड़ा इफेक्ट
कम पैसे और एडिटिंग के साथ अच्छी क्वालिटी का रिजल्ट मिलने की वजह से पोस्टर की पेंटिंग करने वाले इन कलाकारों को काम मिलना बंद हो गया। वहीं सोशल मीडिया के आने के बाद अब वह पोस्टर बॉयज पूरी तरह से गायब हो गए। आज इनमें से कई कलाकार मुंबई, कोलकाता जैसे शहर में गणपति और देवी की मूर्तियों की पेंटिंग करते हुए दिख जाते हैं, वहीं कुछ लोगों ने अपना प्रोफेशनल चेंज किया, तो कुछ लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री में बैकस्टेज काम करना शुरू कर दिया है।
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