OTT Content, CBFC: ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर सरकार ने सख्त रुख दिखाया है. साथ ही सरकार ने सीबीएफसी को लेकर भी स्पष्ट रुख दिखाया है. लोकसभा में इसको लेकर चर्चा हुई और सरकार ने ओटीटी कंटेंट और सीबीएफसी के लिए नियम भी बताए. आइए जानते हैं कि आखिर सरकार ने लोकसभा में क्या कहा है?
सरकार का स्पष्ट रुख
दरअसल, सीबीएफसी और ओटीटी कंटेंट को लेकर सरकार का स्पष्ट रुख दिखा. केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणन का कार्य सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) करता है, जो सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत गठित एक वैधानिक संस्था है.
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OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित कंटेंट
इसके अलावा सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित कंटेंट को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग- III के अंतर्गत रेगुलेट किया जाता है. इन नियमों के तहत लागू कोड ऑफ एथिक्स के अनुसार OTT प्लेटफॉर्म्स को कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री के प्रकाशन से बचना होता है और कंटेंट का आयु-आधारित वर्गीकरण अनिवार्य है.
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OTT कंटेंट से जुड़ी शिकायतों का निवारण
लोकसभा को यह भी बताया गया कि OTT कंटेंट से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए तीन-स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है. इसके तहत पहले स्तर पर प्रकाशकों द्वारा स्व-नियमन, दूसरे स्तर पर प्रकाशकों की स्व-नियामक संस्थाओं द्वारा निगरानी और तीसरे स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा पर्यवेक्षण किया जाता है.
सरकार का सख्त रुख
सरकार द्वारा ओटीटी कंटेंट और सीबीएफसी को लेकर बताए गए इन नियमों से साफ है कि वो इसको लेकर बेहद सख्त है. सरकार के अनुसार, OTT कंटेंट से संबंधित प्राप्त शिकायतें आईटी नियम, 2021 के तहत पहले स्तर यानी संबंधित OTT प्लेटफॉर्म को भेजी जाती हैं, जिससे वे स्व-नियमन की प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्रवाई कर सकें.
डॉ. एम. के. विष्णु प्रसाद ने किया था सवाल
बता दें कि ये जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. यह प्रश्न सांसद डॉ. एम. के. विष्णु प्रसाद द्वारा पूछा गया था, जिसका जवाब डॉ. एल. मुरुगन ने दिया है.
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