Anupam Kher को क्यों आई महात्मा गांधी की याद? किसान आंदोलन से जुड़ा है मामला
Anupam Kher: बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर कई दशकों से बड़े पर्दे पर एक्टिव हैं। उन्होंने कई फिल्मों में यादगार किरदार निभाए हैं। वहीं हिन्दी सिनेमा के दिग्गज कलाकार होने के साथ-साथ अनुपम खेर (Anupam Kher) अपने बेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। अनुपम खेर अमूमन हर मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं। हाल ही में 'कागज 2' एक्टर ने किसान आंदोलन पर भी चुप्पी तोड़ी है।
एक्टर्स को नहीं बनना चाहिए एक्टिविस्ट
अनुपम खेर अपनी अपनी अपकमिंग फिल्म कागज 2 को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में अपने बेबाक अंदाज पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, एक्टर्स और लोगों का मनोरंजन करने वाले लोगों को योद्धा बनने की आवश्यकता नहीं है। एक व्यक्ति के रूप में मुझे जिस चीज से परेशानी होगी, मैं उसके खिलाफ आवाज उठाउंगा और फिर उसका नतीजा भी भुगतने के लिए तैयार रहूंगा। हो सकता है मेरी बातें कई लोगों को खराब लगे लेकिन मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। कम से कम दिन के आखिर में मैं शांति से अपने विचारों के साथ सो सकता हूं।
बातचीत से निकलेगा हल
बता दें कि, अनुपम खेर ने 2011 में होने वाले भ्रष्टाचार आंदोलन में हिस्सा लिया था। ऐसे में जब अनुपम खेर से किसान आंदोलन पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, किसी भी मुद्दे को बातचीत से हल किया जा सकता है। हम एक स्वतंत्र देश हैं। महात्मा गांधी ने जो आंदोलन किए थे, मैं उनके लिए शुक्रगुजार हूं। यह भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन का ही नतीजा है। लेकिन भारत के लोग एक हैं। तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ कुछ लोगों के हित के बारे में सोचें और बाकी लोगों को छोड़ दें।
सभी के पास है बोलने का अधिकार
किसान आंदोलन पर बात करते हुए अनुपम खेर का कहना है कि सभी को आंदोलन करने का हक है। इससे आम लोगों की जिंदगी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अनुपम खेर ने कहा कि, सभी के पास घूमने फिरने और अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन इससे दूसरों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। हमारे देश में अभी यही चल रहा है। क्योंकि इस आंदोलन के साथ किसानों का नाम जुड़ चुका है। मगर मुझे नहीं लगता कि पूरे देश के किसान यही सोचते हैं। किसान अन्नदाता है। इसलिए उनके बारे में बोलने से पहले हमे सोचना चाहिए। मुझे लगता है कि जो लोग टैक्स देते हैं उनका भी देश के विकास में अहम योगदान है। इसलिए आम जनता की जिंदगी को प्रभावित करना सही नहीं है।
2011 की यादें ताजा हुई
2011 में होने वाले भ्रष्टाचार आंदोलन का जिक्र करते हुए अनुपम खेर कहते हैं कि, वो दृश्य सोचकर मुझे आज भी डर लगता है जब आंदोलनकारी लाल किले पर पहुंचे थे और उन्होंने देश का झंडा उतारकर कोई दूसरा झंडा लगा दिया था। मैं ऐसे लोगों से बिल्कुल सहानुभूति नहीं रखता हूं। चाहे मुझे इसका खामियाजा चुकाने के लिए अपनी लोकप्रियता से ही समझौता क्यों ना करना पड़े।
कागज 2
गौरतलब है कि, 62 वर्षीय अनुपम खेर जल्द ही 'कागज 2' (Kagaz 2) के साथ सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देंगे। इस फिल्म में दिवंगत एक्टर सतीश कौशिक भी लीड रोल निभाएंगे। सतीश कौशिक अब हमारे बीच में नहीं हैं। ऐसे में दोनों स्टार्स अब आखिरी बार बड़े पर्दे पर साथ में नजर आएंगे। यह फिल्म 1 मार्च 2024 को रिलीज होगी।
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