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A, B और C Grade फिल्मों में क्या है अंतर? ऐसे तय होती है मूवीज की रैंकिंग

A, B And C Grade Films: ए, बी और सी के आधार पर भी फिल्मों को ग्रेड दिया जाता है। लेकिन इनका क्या मतलब है ये जानना वाकई दिलचस्प है। इन फिल्मों में कई अंतर होते हैं जो बेहद ही कम लोगों को पता होंगे।

Image Credit: Google
A, B And C Grade Films: आपने अब तक एक्शन, हॉरर, थ्रिलर और रोमांटिक मूवीज की काटेगोरिएस के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं फिल्मों को इनके अलावा भी कई और कैटेगरी में बांटा जाता है। फिल्में तो ए ग्रेड, बी ग्रेड और सी ग्रेड भी होती हैं। क्या आप जानते हैं कि इन ग्रेड्स का क्या मतलब है। ए, बी और सी ग्रेड में क्या अंतर होता है और किस आधार पर इन फिल्मों को ये रैंकिंग दी जाती है। तो चलिए जानते हैं कि इन ग्रेड्स के पीछे क्या मामला है। यह भी पढ़ें: Isha Malviya के बाद इस Bigg Boss कंटेस्टेंट से दिल लगा बैठे Abhishek Kumar! रोमांस करते हुए वीडियो हुआ वायरल

ए ग्रेड फिल्में

ए ग्रेड फिल्में (A Grade Films)वो होती हैं जिनमे बड़े-बड़े स्टार्स काम करते हैं। इन मूवीज का बजट भी काफी ग्रैंड रहता है। स्टारकास्ट की फीस से लेकर सेट और प्रोडक्शन तक पर मेकर्स खूब पैसा खर्चते हैं। अच्छा मेकअप, बड़े डिजाइनर्स के कॉस्ट्यूम्स, पॉपुलर सिंगर्स जो फिल्म में अपना हुनर दिखाते हैं। इन सभी फैसिलिटीज के साथ बेहतरीन कैमरा और जबरदस्त एडिटिंग तकनीक भी इसमें शामिल होती है। सबसे खास बात ये है की ए ग्रेड फिल्मों को आप अपने परिवार के साथ भी देख सकते हैं। ये मूवीज आम तौर पर सिनेमाघरों में ही रिलीज होती है। ए ग्रेड फिल्म नब्बे मिनट से दो घंटे की होती हैं।

बी ग्रेड फिल्में

बी ग्रेड फिल्मों (B Grade Films) को ज़्यादातर छोटे शहरों में ही रिलीज किया जाता है। इसके अलावा इन फिल्मों की एक हुए पहचान है इनमे काम करने वाले सितारे ए ग्रेड फिल्मों की तरह बड़े एक्टर्स नहीं होते। बी ग्रेड फिल्मों के एक्टर्स मशहूर तो होते हैं ए ग्रेडर्स से कम। वहीं, इन फिल्म्स में सस्ती तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कलाकारों की फीस भी काफी कम रहती है। इन फिल्मों की न स्क्रिप्ट खास होती है और न ही बजट। सबसे बड़ी पहचान ये है कि इन तरह ही फिल्मों में दर्शकों को शुरू से आखिर तक अश्लीलता ही देखने को मिलती है। देसी कहानी में देसी कलाकारों के साथ आम लोगों को जोड़ा जाता है। फिल्मों के पोस्टर में भी आपको भरपूर अश्लीलता मिलेगी ताकि लोग अट्रैक्ट होकर इन्हें देखें। बी ग्रेड फिल्में 70 से 80 मिनट की होती हैं।

सी ग्रेड फिल्में

जैसे बी ग्रेड (C Grade Films) का बजट ए से कम होता है। ठीक वैसे ही सी ग्रेड फिल्मों का बजट भी बी ग्रेड फिल्मों से कम ही रहता है। वहीं, ऑडियंस एक पल को बी ग्रेड फिल्मों के कलाकारों पहचान सकते हैं। लेकिन सी ग्रेड फिल्मों के एक्टर्स लोगों के लिए पूरी तरह से अंजान होते हैं। बजट और फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू बहुत कम लगभग निचले स्तर पर होती है। इन फिल्मों की टाइम ड्यूरेशन भी छोटी रखी जाती है। ये भी हो सकता है कि इनकी कहानी भी समझ नहीं आए। सी ग्रेड फिल्में 45 मिनट में ही खत्म हो जाती हैं।


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