Ae Watan Mere Watan Review: आज सारा अली खान की फिल्म 'ऐ वतन मेरे वतन' को ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया। फिल्म को लेकर पहले से ही लोगों में एक्साइटमेंट थी। वहीं, अब सारा की इस फिल्म को आप घर बैठे देख सकते हैं, लेकिन फिल्म को देखने से पहले इसका रिव्यू भी पढ़ लें। आइए आपको बताते हैं कि कैसा है 'ऐ वतन मेरे वतन' का रिव्यू?
फिल्म की कहानी
हिंदी सिनेमा में 'आजादी की लड़ाई' पर कई कहानियां बनी है। कई बार बड़े पर्दे पर क्रांतिकारियों के हौसले और जज्बे को दिखाया गया है। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर फिर से एक ऐसी ही कहानी आई है, जिसमें दिखाया जाता है कि कैसे क्रांतिकारियों की एक हरकत से अंग्रेजी हुकूमत तिलमिला उठती है और इसके बाद वो नए-नए पैंतरे अपनाती है, लेकिन हौसला और आजादी की चाह अंग्रेजों की नहीं चलने देती।
क्रांतिकारियों का हौसला कम नहीं कर पाई अंग्रेजी सरकार
दरअसल, इस फिल्म में दिखाया जाता है कि जब साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था तो अंग्रेजों ने इसे रोकने के लिए गांधी और नेहरू ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को जेल में बंद कर दिया। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने पार्टी पर भी बैन लगा दिया, लेकिन इससे क्रांतिकारियों पर कुछ असर नहीं हुआ और उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी।
अंग्रेजी सरकार के मुंह पर क्रांतिकारियों का तमाचा
इस दौरान एक नौजवान साथी उषा मेहता (सारा अली खान) बेहद अहम जिम्मेदारी निभाती हैं और रेडियो के जरिए जेल में बंद लोगों की आवाज पूरे देश में पहुंचाती है। अब क्रांतिकारियों की ये हरकत अंग्रेजों के मुंह पर तमाचा साबित होती है और इसके आगे अब अंग्रेजी सरकार क्या करेगी इसके लिए आपका फिल्म देखना तो बनता है।