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‘मैं तो मरने में भी फेल हो गया था’ पद्मश्री जीतने वाले कैलाश खेर क्यों ये कहने पर हुए थे मजबूर

Kailash Kher recalls why he attempt suicide: कैलाश खेर ने एक इंटरव्यू में अपने स्ट्रगल की कहानी बताई। उन्होंने अपने बुरे दौर को याद करते हुए बताया कि एक समय ऐसा आया था, जब वो जीवन से इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने खुद की जान लेने की कोशीश की थी।

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Kailash Kher recalls why he attempt suicide: कैलाश खेर बॉलीवुड के उन सिंगर्स में से हैं, जिन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है। कैलाश ने एक इंटरव्यू में जिक्र किया था कि एक समय था जब कैलाश को समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें जीवन में क्या करना है। उन्होंने जो हो सकता था वो सब करने की कोशिश की। मगर, बार-बार नाकामयाब होने की वजह से वो इतने परेशान हो गए कि हार कर सुसाइड करने तक की कोशिश की, लेकिन किस्मत ने साथ दिया और वो बच गए। कैलाश को उस वक्त लगने लगा कि वो इतने बड़े फेलियर हैं कि मरने में भी फेल हो गए।

छोटी उम्र में घर से भाग गए थे

कैलाश ने बताया कि वो बहुत छोटी उम्र में ही घर छोड़कर भाग गए थे। शुरुआत में वो कुछ समय तक दिल्ली में भटकते रहें,  लेकिन उन्होंने बताया कि उस समय उन्होंने जो भी किया, उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। अंत में वो हार कर अपने पिता की तरह कर्मकांड सीखने के लिए ऋषिकेश चले गए। वहां जाने के बाद भी वो वहां के लोगों के साथ एडजस्ट नहीं कर पाएं, वहां उन्हें लगने लगा कि वो जीवन में क्या कर रहे हैं। वो खुद को मिस फिट समझने लगें।

जीवन से हार कर गंगा में लगाई डुबकी

कैलाश खेर ने आखिरकार हार कर गंगा में डुबकी लगा दी। जैसे ही उन्होंने गंगा में डुबकी लगा दी, किसी ने उन्हें देख लिया। उन्हें डूबते देख उस इंसान ने उन्हें बचा लिया। कैलाश ने बताया कि इस घटना के बाद दो दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकले। वो कोने में बैठ कर भगवान से सवाल करते रहें कि क्या वो इतने बड़े फेलियर हैं कि मरने में भी फेल हो गए।

गुरु जी से हुआ मोटिवेट, 30 के थे जब मुंबई आए

कैलाश ने बताया कि उस समय वो 20 साल के रहे होंगे जब उन्होंने खुद की जान लेने की कोशिश की। उनके गुरु जी ने उन्हें समझाया, जीवन के लिए प्रेरित किया। ये समझाया कि खुद को हारा हुआ मानना बंद करें।कैलाश को बचपन से ही गाना पसंद थी। कई लोगों ने कैलाश को गाते हुए सुना और मुंबई जाने के लिए प्रेरित किया। कैलाश 30 साल के थे जब मुबंई आएं। सर्वाइव करने के लिए उन्होंने बच्चों को म्यूजिक सिखाया, जिंगल रिकॉर्ड किए, जो काम मिलता गया वो सब किया।

जब फेमस हुआ कैलाश का पहला गाना 'अल्लाह के बंदे'

मुंबई आने के बाद कैलाश की मुलाकात कुछ लोगों से हुई। इन लोगों का एक बैंड था, जिसमें कैलाश शामिल हो गए। इसी बैंड के साथ कैलाश ने अपना पहला गाना 'अल्लाह के बंदे' रिकॉर्ड किया, जिसे उस दौर में सबसे अधिक सुना जाने वाला गाना बना। कैलाश के बैंड का नाम कैलासा है। कैलाश की माने तो उनका अब तक रिलीज हुए सॉन्ग में सबसे ज्यादा फेवरेट 'पिया घर आएंगे'(2013) हैं। ये गाना उन्होंने अपने पिताजी के जाने के बाद लिखा। इस गाने का अर्थ बताते हुए कैलाश ने बताया कि इसके जरिए उन्होंने बताया कि तरह कोई आत्मा जब स्वर्ग तक पहुंचती तो उसका कैसे स्वागत होता है।


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