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Alam Aara Unique Facts: 40 हजार बजट, 29 लाख कमाई, दर्शकों पर लाठीचार्ज, जानें रात में क्यों होती थी शूटिंग?

First Spoken Movie Alam Ara Facts: देश की पहली बोलती मूवी 93 साल पहले आज की तारीख में साल 1931 में रिलीज हुई थी। फिल्म में 7 गाने थे और इसका एक गाना भारतीय सिनेमा का पहला गाना माना जाता है। आज लोग इस फिल्म को नहीं देख सकते, लेकिन फिल्म का पहला शो देखने वाले लोगों पर पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी थी।

First Spoken Movie Alam Ara Scene
First Spoken Movie Alam Ara Interesting Facts: भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई फिल्में, गाने, एक्टर, एक्ट्रेस, डॉयलॉग, सीन आदि स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं। ऐसा ही एक इतिहास आज की तारीख और देश की पहली बोलती मूवी आलम आरा (Alam Ara) से जुड़ा है। आज से ठीक 93 साल पहले 14 मार्च 1931 भारतीय सिनेमा की यह पहली बोलती फिल्म रिलीज हुई थी। मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमाघर में दोपहर 3 बजे इस पहला शो हुआ था। सिर्फ 124 मिनट की इस फिल्म की प्रोड्यूसर इम्पीरियल मूवीटोन नामक कंपनी थी। 'आलम आरा' का मतलब है- संसार को सजाने वाला।  

आज लोग मूवी को नहीं देख सकते क्योंकि...

फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर आर्देशिर ईरानी थे। क्योंकि फिल्म का एक भी प्रिंट नहीं बचा था, इसलिए आज की दुनिया इस फिल्म को नहीं देख सकती। इसीलिए इस मूवी को 'लॉस्ट मूवी' भी कहा जाता है। फिल्म एक राजकुमार और एक बंजारन लड़की की प्रेम कहानी थी। हॉलीवुड मूवी Show Boat देखकर बोलती मूवी बनाने का आइडिया आर्देशिर ईरानी को आया था। जोसफ डेविड द्वारा लिखे गए पारसी नाटक पर फिल्म आधारित थी। मास्टर विट्ठल, जुबैदा धनराजगीर, जिल्लो, सुशीला, पृथ्वीराज कपूर ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं। इसमें 7 गाने थे और 'दे दे खुदा के नाम पे' भारतीय सिनेमा का पहला गाना है, जिसे वजीर मोहम्मद खान ने आवाज दी थी।  

बनाई गई थी लॉटरी के पैसे इन्वेस्ट करके

इतिहासकारों के अनुसार, आलम आरा मूवी में आर्देशिर ईरानी ने लॉटरी में जीते 14 हजार रुपये इन्वेस्ट किए थे। 40 हजार रुपये में बनी इस फिल्म में इस्तेमाल हुई साउंड टेक्नोलॉजी विदेश से आई थी। आर्देशिर ईरानी को लॉटरी के टिकट खरीदने का शौक था। ऐसे ही एक टिकट से उन्होंने 14 हजार रुपये जीते थे और इन्हीं पैसों का इस्तेमाल उन्होंने मूवी बनाने में किया। आर्देशिर ईरानी फिल्म का एक्टर मदर इंडिया बनाने वाले महबूब खान को बनाना चाहते थे, लेकिन मास्टर विट्ठल की उस समय की लोकप्रियता देखकर उन्हें साइन कर लिया था।  

ब्लैक में बिके टिकट, लाठीचार्ज तक हुआ

पहली बोलती मूवी देखने के लिए दर्शक इस तरह पागल हुए थे कि दोपहर 3 बजे का शो देखने के लिए सुबह 6 बजे टिकट खरीदने के लिए लाइन लग गई थी। टिकट ब्लैक में बिकती थी। 25 पैसे का टिकट 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक में बिका था, जबकि उस समय 50 रुपये बहुत बड़ी रकम होते थे। फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर के बाहर इतनी भीड़ लग गई थी कि पुलिस तक बुलानी पड़ी। जब भीड़ कंट्रोल नहीं हुई तो पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था।

रात में शूटिंग करने के पीछे की वजह खास

इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, आर्देशिर ईरानी आलम आरा की शूटिंग रात में किया करते थे। रात एक बजे से लेकर 4 बजे तक शूटिंग चलती थी और इसके पीछे की वजह यह थी कि फिल्म का शोर किसी को सुनाई न दे। इसका कॉन्सेप्ट कोई चुरा न ले। शूटिंग रेलवे ट्रैक के पास होती थी और 4 महीने में फिल्म को बना लिया गया था। आवाज की रिकॉर्डिंग कलाकारों ने माइक्रोफोन जेब में डालकर या कपड़ों में  छिपाकर की थी।  

7 गाने थे, सिनेमा को पहला गाना भी मिला

1. दे दे खुदा के नाम पे 2. बदला दिलवाएगा या रब... 3. रूठा है आसमान... 4. तेरी कातिल निगाहों ने मारा... 5. दे दिल को आराम... 6. भर-भर के जाम पिला जा... 7. दरस बिना मारे है...  


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