TrendingSanchar Saathiparliament winter sessionBigg Boss 19

---विज्ञापन---

राजस्थान की जुड़वां बहनों ने रचा इतिहास, 10वीं बोर्ड में एक जैसे नंबर 97.17% लाकर किया सबको हैरान

राजस्थान के नागौर जिले की जुड़वां बहनों कनिष्का और कर्तिका चौधरी ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में एक जैसे 97.17% अंक हासिल कर सबको हैरान कर दिया। दोनों बहनें बचपन से साथ पढ़ाई करती रही हैं और कल्पना चावला इंटरनेशनल स्कूल, मेड़ता रोड की छात्राएं हैं।

राजस्थान के नागौर जिले की छापरी खुर्द गांव की जुड़वां बहनों कनिष्का और कर्तिका चौधरी ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 97.17% अंक हासिल कर सबको चौंका दिया है। खास बात यह है कि दोनों बहनों ने एक जैसे अंक, बिल्कुल दशमलव तक समान, प्राप्त किए हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने 28 मई को परिणाम घोषित किए, जिसके बाद चौधरी परिवार, स्कूल के शिक्षक और पूरा गांव गर्व से झूम उठा।

एक साथ पढ़ाई, एक जैसे नतीजे

कनिष्का और कर्तिका दोनों कल्पना चावला इंटरनेशनल प्राइवेट स्कूल, मेड़ता रोड, राजस्थान की छात्राएं हैं। दोनों बहनें हमेशा एक-दूसरे की सबसे बड़ी ताकत रही हैं। वे साथ में पढ़ती हैं, एक-दूसरे को प्रेरित करती हैं और मिलकर हर चुनौती को पार करती हैं।

पिता हैं कंडक्टर, मां गृहिणी

उनके पिता शिवनारायण चौधरी राजस्थान रोडवेज में कंडक्टर हैं और मां सुमन चौधरी एक गृहिणी हैं। परिवार ने सादा जीवन जीते हुए भी बेटियों की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं रखी।

दोनों के मार्क्स पर डालें एक नजर

- कनिष्का चौधरी के कक्षा 10वीं में मार्क्स

हिंदी – 96 इंग्लिश – 98 साइंस – 97 सोशल साइंस – 98 मैथ – 97 संस्कृत – 97

- कर्तिका चौधरी के कक्षा 10वीं में मार्क्स

हिंदी – 96 इंग्लिश – 99 साइंस – 95 सोशल साइंस – 98 मैथ – 96 संस्कृत – 99

अब तैयारी प्रतियोगी परीक्षाओं की

फिलहाल, दोनों बहनें सीकर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। कनिष्का इंजीनियर बनना चाहती हैं, जबकि कर्तिका का सपना डॉक्टर बनने का है। उनके गांव में उनकी इस उपलब्धि पर भव्य स्वागत समारोह की तैयारी की जा रही है।

राज्यभर का परीक्षा परिणाम

इस साल 10,94,186 छात्रों ने माध्यमिक और वोकेशनल परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 10,71,460 छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए। इस बार का कुल पासिंग प्रतिशत 93.60% रहा। लड़कियों ने 93.46% पासिंग प्रतिशत के साथ लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि लड़कों का पासिंग प्रतिशत 92.64% रहा।

सच्चे समर्पण और साथ की मिसाल

कनिष्का और कर्तिका की यह सफलता सिर्फ मेहनत की नहीं, बल्कि आपसी सहयोग और विश्वास का भी प्रतीक है। उनकी यह उपलब्धि हर छात्र और अभिभावक के लिए प्रेरणा बन गई है।


Topics:

---विज्ञापन---