Guru Teg Bahadur Balidan Diwas Holiday Date: गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर स्कूलों में छुट्टी रहती है. हर साल गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस मनाया जाता है. पीटीआई के अनुसार इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस 2025 के लिए घोषित गजटेड छुट्टी की तारीख को बदल दी है.
बता दें कि गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस की छुट्टी इस बार 24 नवंबर 2025 के लिए तय थी, जिसे अब बदलकर 25 नवंबर 2025 (मंगलवार) कर दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार यूपी सरकार ने पूरे प्रदेश के लिए छुट्टियों की नई लिस्ट जारी कर दी है और अब बदली हुइ तारीख के अनुसार पूरे उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी ऑफिसों और स्कूलों में छूट्टी होगी.
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लॉन्ग वीकएंड नहीं मिल पाएगा
कुछ कक्षाओं के छात्रों के लिए शनिवार को स्कूल क्लोज रहता है. ऐसे में अगर गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस की छुट्टी 24 नवंबर को मिल जाती, तो लगतार तीन दिनों की छुट्टी हो जाती. बैंकों और सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों को रविवार और सोमवार दोनों दिनों की छुट्टी मिलती.
क्यों मनाया जाता है ये दिवस
यह दिन नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी की धार्मिक आजादी के लिए अटूट हिम्मत और कुर्बानी के सम्मान में मनाया जाता है. वे धर्म को मानने के अधिकारों की रक्षा के लिए जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ खड़े हुए थे.
ये कहानी तब की है, जब हिन्दुस्तान पर मुगल बादशाह औरंगजेब के राज था. औरंगजेब, भारत में हिंदुओं को जबरदर इस्लाम में तब्दील करने की कोशिश कर रहा था. लोगों ने जब औरंगजेब का विरोध किया , तब उन्हें गंभीर नतीजे भी भुगतने पड़े.
अपने धर्म की रक्षा के लिए बेचैन कश्मीरी पंडितों का एक ग्रुप मदद के लिए गुरु तेग बहादुर के पास गया. गुरु तेग बहादुर ने मदद का वादा किया.
औरंगजेब के पास इसकी सूचना पहुंची. इसके बाद गुरु तेग बहादुर को गिरफ्तार करके औरंगजेब के सामने लाया गया. उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. हालांकि चार महीने जेल में रहने और अपने तीन अनुयायियों को बेरहमी से मारते हुए देखने के बावजूद, उन्होंने अपना धर्म छोड़ने या अपने दिव्य संबंध को साबित करने के लिए चमत्कार करने से इनकार कर दिया.
उनके अडिग रवैये से बादशाह औरंजेब इतना नाराज हो गया कि उसने उन्हें फांसी देने का आदेश दे दिया. 11 नवंबर 1675 को, गुरु तेग बहादुर का दिल्ली के चांदनी चौक में सबके सामने सिर कलम कर दिया गया.
उनकी शहादत की जगह पर अब गुरुद्वारा शीश गंज साहिब है, जो सिखों के लिए गहरी श्रद्धा और आस्था की जगह है.