TrendingMakar Sankranti 2025Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18Republic Day 2025Union Budget 2025

---विज्ञापन---

11वीं 12वीं छात्रों के लिए अहम फरमान, साल में दो परीक्षा ले सकता है शिक्षा बोर्ड

दिव्या अग्रवाल नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को अपना नया कोर्सेज लॉन्च किया, जिसके तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। साथ ही छात्रों को टॉप स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी। घोषणा में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम ढांचा (NCF) तैयार […]

Board Exams 2024
दिव्या अग्रवाल नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को अपना नया कोर्सेज लॉन्च किया, जिसके तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। साथ ही छात्रों को टॉप स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी। घोषणा में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम ढांचा (NCF) तैयार कर लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अब बहुत जल्द जमीनी तौर पर नजर आने लगेगी इसी को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने एक बेहद अहम फैसला किया है जिसके अंतर्गत अगले साल से साल में दो बार होंगे बोर्ड के एग्जाम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क यानी सीएफ यानि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा इसके मुताबिक ही स्कूली शिक्षा का सिलेबस तैयार किया जा रहा है और उसमें कई बदलाव किए गए हैं कक्षा 9वी से लेकर 12वीं तक परीक्षा के पैटर्न और विषयों को लेकर कई सिफारिश से की गई है जिसके बाद स्कूली शिक्षा और परीक्षाओं के तौर तरीकों में बड़ा बदलाव आने वाले समय में मिलेगा आने वाले सत्र में जो सबसे बड़ा बदलाव होगा वह यह होगा की बोर्ड की परीक्षाएं जो साल में केवल एक बार होती थी उसे दो बार किया जाएगा

बोर्ड की परीक्षाएं 2 बार क्यों जरूरी

छात्रों के मानसिक तनाव और परफॉर्मेंस को बेहतर करने के लिए साल में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं की जाएगी, इसके अलावा क्लास में कॉपियों को 'कवर' करने के वर्तमान चलन से बचा जाएगा. साथ ही स्कूल बोर्ड उचित समय में 'ऑन डिमांड' परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम ढांचा यानी NCF तैयार कर लिया है। ऐसे में 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए इसके लिए इसके अनुसार पुस्तकें तैयार की जाएंगी। अगर कोई छात्र बोर्ड परीक्षा में एक बार फेल होता है तो वह उसी साल दुबारा एग्जाम देकर पास हो सकेगा। हालांकि, जिन छात्रों का पहले साल स्कोर कम होगा, वे दूसरा एग्जाम देकर अपने अंक बढ़वा सकेंगे।जिनमें से अच्छे नम्बरों को फाइनल मार्क्स माना जाएगा। वही सिलेबस पूरा करके बोर्ड के लिए पैदा होने वाले प्रेशर को कम किया जायेगा। अगर किसी वजह से छात्र बोर्ड की एक परीक्षा में कम अंक ला पाया तो वह दूसरी परीक्षा में बैठकर अपनी परफॉर्मेंस को और ज्यादा बेहतर कर सकता है इससे छात्रों के मन मे विषय के रट्टाफिकेशन से ज्यादा समझ बढ़ेगी और भविष्य के लिए वो विषय को तैयार करेगा।

स्कूलीं शिक्षा का कोर्सेज कितना बदलेगा

दरअसल पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई गई थी जिसके अध्यक्षता कस्तूरीरंगन जो कि इसरो के वैज्ञानिक भी रहे हैं वह कर रहे थे अब उसे स्टीयरिंग कमेटी ने अपने तमाम सुझाव सरकार को दे दिए हैं और सरकार ने अब उन तमाम सुझावों के मुताबिक एनसीईआरटी को पाठ्यक्रम सौंप दिया है एनसीईआरटी ने दो कमेटी बनाई है नेशनल ओवरसाइट कमेटी और नेशनल सिलेबस एवं टेक्सबुक कमिटी जिनके द्वारा कक्षा तीन से कक्षा 12वीं तक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के मुताबिक 21वीं सदी की आवश्यकता को भारत के ज्ञान के आधार पर भविष्य का ख्याल रखते हुए देश की ग्लोबल एक्सपेक्टेशन के मुताबिक यह पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा यानी साफ है कि अगले शिक्षा सत्र से कक्षा 3 से कक्षा बारहवीं तक नई पाठ्य पुस्तको के माध्यम से छात्रों का ज्ञानवर्धन किया जायेगा। दरअसल नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सबसे परिवर्तनकारी पहलुओं में नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना है जो 3 से 8 वर्ष के सभी बच्चों के लिए बचपन की देखभाल और शिक्षा को साथ लाती है– ये मानती है कि शुरुआती बचपन एक ऐसी अवस्था है, जो जीवन के लिए अहम नींव और सीखने के विकास के लिए सबसे जरूरी है, लेकिन बच्चे में ये विकास बगैर किसी दबाव के स्वाभाविक माहौल में होना चाहिए।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.