डॉक्टर नहीं बन पाया तो करने लगा ठगी, WHO में जॉब के नाम पर 7 लोगों से ठगे 15 लाख रुपये
Fake doctor fraud name of WHO
Fake doctor fraud name of WHO: देश भर में बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ जालसाज ठगी के नए-नए तरीके अपनाते हैं। इसी से जुड़ा एक मामला नई दिल्ली से सामने आया, जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के कार्यालय में MTS की नौकरी दिलाने के नाम पर 7 लोगों से 15 लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को ज्योति नगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी क बाद आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने बेरोजगारी की वजह से लोगों से ठगी करने का प्लान बनाया था।
खुद को WHO के हेड ऑफिस का कर्मचारी बताकर की ठगी
उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी डॉ. जॉय टीर्की ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि ज्योति नगर थाने में कुछ लोगों की ओर से ठगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। दर्ज हुई शिकायतों में दीपक कुमार, पवन कुमार, प्रदीप, राजीव, रोहित, सुनील और मनीष ने आरोप लगाते हुए बताया था कि वे एक स्थानीय पार्क में एक व्यक्ति के संपर्क में आए, जो खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक हेड ऑफिस में काम करने वाले डॉक्टर के रूप में बताता था। बातचीत के दौरान उसने WHO के क्षेत्रीय कार्यालय में नौकरियों की पेशकश करके सभी को प्रभावित किया, इस दौरान आरोपी ठग ने उन्हें अच्छा वेतन और अन्य भत्तों की जानकारी देकर झांसे में लिया।
आरोपी ने दिखाया WHO का आइडेंटिटी कार्ड, नौकरी लगवाने के नाम पर लिए 15 लाख रुपए
पीड़ितों ने अपनी शिकायत में पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ठग ने सभी पीड़ितों को WHO का अपना एक पहचान पत्र भी दिखाया और आश्वासन देते हुए ये कहा कि उन सभी को मेल के माध्यम से ऑफर-लेटर के मिलेगा और फिर नौकरी मिल जाएगी। इसी तरह से उन्होंने सभी पीड़ितों से UPI के माध्यम से पांच किस्तों में कुल 14,30,100 रुपये ट्रांसफर कराए और 50 हजार रुपये नकद भी लिए गए।
मेल पर आया ऑफर लेटर निकला फर्जी, सवाल करने पर दी भुगत लेने की धमकी
पीड़ितों के अनुसार, कुछ दिनों के बाद आरोपी की ओर से ई-मेल के माध्यम से ऑफर लेटर भेजा गया और जब पीड़ितों ने संगठन के साथ क्रॉस चेक किया, तो सभी ऑफर लेटर नकली पाए गए। इसके साथ ही पीड़ितों की ओर से जुटाई गई जानकारी में ये भी सामने आया कि WHO की ओर से ऐसी कोई नौकरी की नहीं निकाली गई। इतनी जानकारी जुटाने के बाद युवाओं को अपने साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का एहसास हुआ। मामले को लेकर जब पीड़ितों की ओर से आरोपी के साथ दोबारा संपर्क करने की कोशिश की गई तो उसने सभी को गंभीर परिणाम भुगत लेने की धमकी दी।
पुलिस ने टीम बनाकर किया गिरफ्तार
मामले को लेकर शिकायत होने के बाद गोकलपुरी एसीपी की देखरेख में एसएचओ रविंदर जोशी के नेतृत्व में एएसआई संजीव और कांस्टेबल धर्मपाल की टीम का गठन किया गया। टीम ने सर्विलांस की मदद से और साथ दी स्थानीय सूत्रों के जरिए आरोपी से जुड़ी जानकारी एकत्र कर उसकी पहचान की। सारी जानकारी हाथ लगने के बाद पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के मीत नगर इलाके से आरोपी को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम विनोद कुमार झां है।
बेरोजगारी की वजह से अपनाया ठगी का रास्ता
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की ओऱ से हुई पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने गाजियाबाद के एक मेडिकल कॉलेज से बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी की पढ़ाई की थी, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद भी वह ज्यादातर समय तक बेरोजगार रहा। बेरोजगारी की वजह से उसने ठगी करने की योजना बनाई और अपने नाम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक नकली पहचानपत्र बनवाया, जिसे वह लोगों को बरगलाने के लिए अपने गले में पहनता था।
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