Yamuna Expressway Speed Limit: अगर आपका यमुना एक्सप्रेस वे से रोज का आना जाना है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, 15 दिसंबर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर हल्के और भारी दोनों तरह के वाहनों की स्पीड लिमिट कम कर दी गई है. नए नियमों के अनुसार 15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेस वे पर सभी वाहनों की स्पीड 60 से 80 के बीच ही हो सकती है. इस लिमिट से ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाने वालों के नाम ई-चालान काटा जाएगा.
यह भी पढ़ें : 2026 में महंगा होगा या सस्ता हो जाएगा सोना, बैंक ऑफ अमेरिका ने किया ये दावा
---विज्ञापन---
स्पीड पर कंट्रोल क्यों?
सर्दियों में बढ़ते कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. घना कोहरा और जमा देने वाली ठंड की वजह से सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है. कोहरे से विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है, जबकि ठंडे मौसम की वजह से सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं. ऐसे में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है. ये नियम 15 फरवरी 2026 तक लागू रहेंगे, जब तक कि कोहरे में कमी नहीं आ जाती है.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें : Trains Cancelled: 3 महीने के लिए कैंसिल हुईं ये 24 ट्रेनें, दिल्ली, यूपी, बिहार वाले जरूर देख लें List
ये बदली हुई स्पीड लिमिट 15 दिसंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक लागू रहेंगी. सर्दियों के ये वो महीने हैं, जिनमें सड़क की हालत सबसे ज्यादा खतरनाक होती है.
फैसला लेने से पहले एक्सप्रेस वे अथॉरिटी की ओर से इस मार्ग की सुरक्षा का हर साल ऑडिट कराया जाता है. ऑडिट के रिपोर्ट ये बताते हैं कि इस मार्ग पर हादसों का सबसे बड़ा कारण वाहनों की तेज रफ्तार है. खासकर सर्दियों में इसकी आशंका बढ़ जाती है.
नियम तोड़ने वालों पर कितना लगेगा जुर्माना?
नई स्पीड लिमिट तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगेगा. एक्सप्रेस वे पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए गाड़ियों की स्पीड की मॉनिटरिंग होगी. छोटे वाहन 80 kmph और बड़े वाहन जैसे कि ट्रक 60 kmph की स्पीड से ज्यादा में भागते नजर आए तो ई-चालान काट दिया जाएगा. रिवाइज्ड रेट के अनुसार 15 दिसंबर से 15 फरवरी के बीच इतना जुर्माना लगाया जाएगा.
हल्की गाड़ियां: 2000 रुपये का जुर्माना है.
भारी गाड़ियां: 4000 रुपये का जुर्माना है.
बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे आगरा से मथुरा, हाथरस और अलीगढ़ के रास्ते नोएडा तक जाता है. ये एक्सप्रेस वे 165 किमी लंबा है, जिस पर 18 किमी का हिस्सा अलीगढ़ में और दो किमी का हिस्सा हाथरस में है.