योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य बालिका के जन्म के बाद उनके पालन-पोषण और शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत बालिका के जन्म पर उसके पालन-पोषण और शिक्षा के लिए माता-पिता को वित्तीय सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और लड़कियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है। भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत बेटी के जन्म पर उसके माता-पिता को 50,000 रुपये का बॉन्ड दिया जाता है। जन्म के समय मिलने वाला यह बॉन्ड 21 साल में मैच्योर होता है, जिसमें 2 लाख रुपये तक मिलते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरुआत साल 2017 में की थी।कौन कर सकता है इस योजना के लिए अप्लाई?
- आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रूपये से कम होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत बालिका की शादी 18 वर्ष से पहले नहीं होनी चाहिए।
- बालिका के जन्म के समय आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकन कराना आवश्यक है।
- 31 मार्च 2006 के बाद BPL परिवारों में जन्मी सभी लड़कियां इसका लाभ उठा सकती हैं।
- एक परिवार की केवल दो बेटियों को ही पैसा मिलेगा।
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
- माता-पिता का आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- माता-पिता का पासपोर्ट आकार का फोटो
- बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
---विज्ञापन---
---विज्ञापन---